भोपाल। प्रदेश के दमोह जिले में बड़ा ही हैरान कर देने वाला मामला प्रकाश में आया है। दरअसल एक व्यक्ति की मौत के बाद उसको जिंदा करने के लिए एक तांत्रिक और अस्पताल प्रबंधन के बीच बातचीत तो हुई ही बल्कि तांत्रिक के दावे पर शव को निकाल भी दिया गया। जानकारी के मुताबिक दमोह शहर के पॉलिटेक्निक कॉलेज के सोनू आदिवासी ने अपने घर में आत्महत्या कर ली थी।
जिसके बाद उसको उसके परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे थे चूंकि उसकी मौत पहले ही हो चुकी थी तो परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के कहे अनुसार उसके शव को मर्चुरी शव गृह में रखा दिया। मृतक के शव को रखाकर उसके परिजन वहां से भाग निकले, हालांकि कुछ देर बाद जब परिजन शवगृह लौटे तो उनके साथ एक व्यक्ति भी था जो अपने आप को एक शक्तिशाली तांत्रिक बता रहा था और यह दावा कर रहा था कि उसके द्वारा मृतक को जिंदा किया जा सकता है लेकिन इसके लिए शव को जल्द से जल्द बाहर निकालना होगा।
हालांकि कुछ देर चले हंगामे के बाद पुलिस को सूचना दी गई और पुलिस भी तांत्रिक के तर्क को सुनती रही, तांत्रिक पर मृतक के परिजनों का भरोसा देख व अंतिम मौका देने की बात कहते हुए अस्पताल प्रबंधन ने शव को बाहर निकलवा दिया। जिसके बाद तांत्रिक ने पूजा-पाठ शुरु की, तांत्रिक घंटो पूजा-पाठ करता रहा, हालांकि मृतक जिंदा नहीं हुआ जिसके बाद पुलिस ने शव गृह को बंद कर परिजन को वापस घर भेज दिया, बाबा भी वहां से चुपचाप निकल गया। बता दें कि इस मामले को लेकर दमोह सहित प्रदेश भर में चर्चाएं हो रही है वह तंत्र-मंत्र के नाम पर किए जा रहे अंधविश्वास पर भी सवाल खड़ा किया जा रहा है।
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