रीवा। नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे के रिपोर्ट में संभाग की महिलाओं को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। संभाग के सभी जिलों की महिलाएं नशे की गिरफ्त में हैं। चारो जिलों में नशे के लिए तंबाकू पहली पसंद है। वहीं दूसरे नंबर पर शराब की शौकीन भी महिलाएं हंै। इस सर्वे रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है, जिसके बाद से नशा मुक्ति के लिए चल रहे अभियानों की पोल भी खुल गई है। बता दें कि संभाग में महिलाओं की एक बड़ी आबादी का हिस्सा नशे की गिरफ्त में है। तम्बाकू के शौक की बड़ी वजह गली-गली बिक रहा गुटखा है, जिसे कामकाजी व मजदूर वर्ग की महिलाएं ज्यादा खाती हैं। यह हाल केवल रीवा संभाग का नहीं, बल्कि पूरे विंध्य क्षेत्र का है।
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस-5) में पाया गया कि रीवा जिले की महिलाओं की आबादी का 7.6 प्रतिशत तंबाकू खाती हैं व 0.6 प्रतिशत महिलाएं शराब की शौकीन हैं। इसी प्रकार सीधी में 7.4 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू खाती हैं व 0.7 प्रतिशत शराब पीती हैं। सतना में 6.3 तंबाकू व 0.1 प्रतिशत महिलाएं शराब की शौकीन हैं। वहीं सिंगरौली में शराब की शौकीन महिलाएं 1.2 प्रतिशत हंै व तंबाकू 5.8 प्रतिशत महिलाएं खाती हंै।
पहली बार हुआ सर्वे
बताया जाता है कि एनएफएचएस सर्वे में पहली बार तंबाकू व शराब का नशा करने वालों का सर्वे किया गया है, जिसमें यह रिपोर्ट सामने आई है। बता दें कि जिले को नशामुक्त करने का संकल्प लिए अधिकारी इस प्रकार से बढ़ रही नशाखोरी को रोक नहीं पा रहे हैं। सामाजिक संस्थाएं भी खानापूर्ति तक ही सीमित हैं। शायद यही वजह है कि रीवा में नशे का कारोबार भी तेजी से बढ़ रहा है।
०००००००००००००००