रीवा। नगर निगम प्रशासन अवैध अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्यवाही कर रहा है, मंगलवार की शाम व बुधवार की सुबह से ही शिल्पी प्लॉजा पार्किंग से अवैध कब्जा हटाने का कार्य निगम प्रशासन ने शुरु किया। सुबह लगी जेसीबी को देख अतिक्रमण कारी व्यापारियों में हड़कंप मच गया है और अफरा-तफरी का महौल निर्मित हो गया, बता दे कि निगम प्रशासन ने शाम को अतिक्रमण हटाने की सूचना दी थी और छोटे-मोटे अतिक्रमण हटाया भी था लेकिन अचानक जब निगम का अतिक्रमण दस्ता सुबह से पहुंचा तो व्यापारियों में हड़कंप मच गया, एक के बाद एक पर कार्यवाही शुरु की गई, कुछ ने खुद समान हटा लिए कुछ के निगम द्वारा जब्त कर लिए गए। बता दे कि इस पार्किंग में लंबे समय से ठेला-गुमटी का कब्जा था जिसे हटाने के लिए कई दफा निगम ने बात तो की लेकिन हटाया नहीं गया, बीच में इन्हें पार्किंग में ही एक किनारे से व्यवस्थित कर दिया गया था, लेकिन अब इन्हें पूरी तरह से यहां से हटा दिया गया।
कोरोना के बीच कार्यवाही से कोषा
बतादें कि इस पार्किंग में आधा सैकड़ा से अधिक छोटे व्यासाई ठेला-गुमटी लगाकर अपना व्यवसाय कर रहे थे व अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे थे लेकिन बुधवार को हुई कार्यवाही के बाद अब यह बेरोजगार हो गए, इतना ही नहीं निगम प्रशासन ने इनको हटाया तो लेकिन इनको व्यवस्थि नहीं किया गया न ही कहीं जगह दी गई। कोरोना कॉल में इस प्रकार से गरीबों को बेरोजगार करने की बात को लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे है। लोगो का कहना है कि निगम ने हटाने की कार्यवाही की लेकिन गरीब व्यवसायियों को व्यवस्थित भी करना चाहिए था।
राजनैतिक दबाव की चर्चा
बता दे कि निगम प्रशासन द्वारा की गई इस कार्यवाही को लेकर अफसरों की नाराजगी से ज्यादा राजनैतिक दबाव की चर्चा है, अतिक्रमण हटाने के दौरान लोगो द्वारा यह भी कहा जा रहा था कि अब इस जमीन को भी किसी बड़े बिल्डर को देने की तैयारी है इसी लिए हम गरीब व्यापारियों की पेट पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, कुछ का यह भी कहना था कि क्या इसी दिन के लिए हमने वोट देकर विकास पुरुष कहलाने वाले को चुना था। गरीब व्यवसयियों में इस बात को लेकर काफी आक्रोश दिखा और वह जनप्रतिनिधियों को कोसते भी रहे। बता दे कि इस अतिक्रमण को लेकर भी हमेशा यही चर्चाएं रहती थी कि जनप्रतिनिधियों के संरक्षण में यह अवैध कब्जा जमा हुआ है।
इधर भी ध्यान दे निगम…
शिल्पी प्लॉजा की पार्किंग को तो अतिक्रमण मुक्त कर दिया गया लेकिन निगम को जिस पार्किंग से राजस्व मिलता है उस पर ध्यान निगम प्रशासन नहीं दे रहा था, अतिक्रमण हटाने के दौरान गरीब व्यापारियों का यही कहना था कि सांई मंदिर पार्किंग में स्थानीय सत्ताधारी नेता ने अवैध कब्जा करवा रखा है लेकिन इसे हटाने की निगम की हिम्मत नहीं हो रही है, जबकि इसी अवैध कब्जे के चलते कोई पार्किंग का ठेका लेने को तैयार नहीं हो रहा है और निगम को राजस्व हानि हो रही है लेकिन इस अवैध अतिक्रमण प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही निगम के जिम्मेदार अधिकारी।
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