रीवा। कोरोना का कसर इस मर्तबा पूरा किया जाएगा। जिलों में पौधरोपण की बड़ी तैयारी की गई है। वन मंडलों ने वन अनुसंधान से भारी भरकम डिमांड की है। 7 जिलों से 61 लाख 41 हजार पौधे मांगे गए हैं। इन पौधों का उठाव जून में शुरू हो जाएगा। सबसे अधिक सतना ने 17 लाख पौधे मांगे हैं। दो साल कोरोना में चला गया। इस दौरान सब कुछ लॉक रहा। लोग घरों में कैद रहे। कोरोना के कारण पौधरोपण पर भी असर पड़ा था। सिर्फ पौधरोपण की खानापूर्ति ही रह गई थी। जिलों से डिमांड भी कोरोना के कारण घटा दी गई थी। अब दो साल बाद कसर पूरी करने की कमर वन मंडलों ने कस ली है। यही वजह है कि वन अनुसंधान एवं विस्तार वानकी के पास पौधों की भारी भरकम डिमांड पहुंची है। इसकी डिमांड पहले से वन अनुसंधान तक पहुंच गई थी। उसी डिमांड के हिसाब से रोपडिय़ों में पौधे भी तैयार किए गए हैं। अब सिर्फ इन्हें वन मंडलों के हवाले किए जाना है। रीवा वन अनुसंधान के पास रीवा और शहडोल संभाग के 7 जिलों से करीब 61 लाख 41 हजार 826 पौधे की डिमांड की गई है। इसमें रीवा संभाग से 47 लाख 5 हजार 361 पौधे और शहडोल संभाग से 1436465 मांगे गए हैं। इन पौधों को पहली बारिश के बाद ही रोपियों से भेजना शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए रोपडिय़ों में तैयारी कर ली गई है।
सागौन की डिमांड सबसे ज्यादा
जिलों से पौधों की अलग अलग प्रजातियों की डिमांड की गई है। इसमें सबसे अधिक डिमांड सागौन की है। 7 जिलों से करीब 18 लाख पौधे रोपडिय़ों से मांगे गए हैं। इसी तरह बांस की भी डिमांड अधिक है। कटंग बांस की 6 लाख 73 हजार और देसी बांस की 11 लाख 69 हजार पौधों की डिमांड की गई है। इसके अलावा अन्य फलदार और पौधों की डिमांड की गई है।
10 हजार चंदन के पौधे भी हैं तैयार
वन विभाग को इस मर्तबा शासन से 10 हजार चंदन के पौधे भी तैयार करने का लक्ष्य दिया गया था। रीवा वन अनुसंधान विस्तार वानकी ने चंदन के पौधे भी तैयार किए हैं। इन पौधों को किसान और अन्य कोई भी व्यक्ति सीधे तौर पर रोपणी से खरीद सकेगा। इसके अलावा जिलों से डिमांड की जाएगी तो वहां भी उपलब्ध कराया जाएगा।
सतना ने मारी बाजी
इस मर्तबा सतना जिला ने पौधों की डिमांड के मामले में बाजी मार ली है। सबसे अधिक 17 लाख पौधों की डिमांड की है। वहीं सिंगरौली पीछे रह गया है। सिंगरौली जिला से हर साल पौधों की सर्वाधिक डिमांड रहती है लेकिन इस साल सिर्फ 14 लाख पौधों की ही डिमांड की गई है। यहां कोयला खदानें अधिक है। खदानों की वजह से मृदा क्षरण और जंगलों को हुए नुकसान की भरपाई पौधरोपण से ही की जाती है। यही वजह है कि यहां की डिमांड भी अधिक ही रहती है।
जिलों से आई पौधों की डिमांड
जिला पौधों की डिमांड
रीवा 891718
सतना 1747438
सीधी 483775
संजय टाइगर रिजर्व 176929
सिंगरौली 1405501
उत्तर शहडोल 335820
दक्षिण शहडोल 197253
उमरिया 150636
अनूपपुर 752789
योग 6141826
वर्सन…
रीवा, शहडोल संभाग से 61 लाख 41 हजार 826 पौधों की डिमांड है। रोपडिय़ों में पौधे तैयार कर लिए गए हैं। जून में उठाव शुरू हो जाएगा। सबसे अधिक सागौन के पौधे की डिमांड आई है।
अर्चना पटेल, एसडीओ
वन अनुसंधान एवं विस्तार वानकी रीवा
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