रीवा। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हुआ है, ऐसा कहना इसलिए गलत नही होगा क्यूंकि नई नई तकनीकों के प्रयोग स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे हैं। इसमें व स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार में जिला कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी का विशेष योगदान है। बता दे कि जिला अस्पताल में एक ऐसी मशीन स्थापित की गई है जो बीमारी होने के पहले ही बता देगी की आपको भविष्य में यह बीमारी होगी कि नही होगी। तो इस खबर में हम आपको इसी मशीन के बारे मद बताने जा रहे हैं।
जिला अस्पताल में एक नई टेस्ट मशीन स्थापित की गई है। इस मशीन के माध्यम से टीबी मरीजों के संपर्क में रहने वाले लोगो का टेस्ट किया जाएगा और यह पता लगाया जाएगा कि उनको भविष्य मेें टीबी होगी कि नहीं। इस मशीन का नाम इगोरा टेस्ट मशीन है। इसकी शुरुआत भी जिला अस्पताल में कर दी गई है।सीएमएचओ डॉ.बीएल मिश्रा ने बताया कि कोरोना की तरह शहर में गुप्त टीबी संक्रमण के मामलों का पता लगाने के लिए यह मशीन स्थापित की गई है, कुछ लोगों के शरीर में टीबी के कीटाणु निष्क्रिय रहते हैं और तुरंत इनमें टीबी के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। लेकिन ऐसे व्यक्तियों को भविष्य में टीबी होने की अधिक संभावना रहती है। इसलिए ऐसे लोगों को तलाशने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। टीबी बीमारी के पीडि़तों के संपर्क में आने से दूसरे लोगों को संक्रमण होता है। बताया कि टीबी मरीज के संपर्क में रहने वाले उनके परिवार जनो व रिश्तेदारो को टीबी होने का खतरा रहता है, इसलिए इनके सेंपल लेकर जांच की जाएगी कि इनको टीबी भविष्य में होगा या नहीं, यदि है तो लक्षण दिखने के पहले ही दवाएं दी जाएगी जिससे वह भविष्य में इस गंभीर बीमारी से पीडि़त नहीं होंगे। बताया कि वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त जिला बनाने का लक्ष्य रखा गया है, इसमें यह जांच बड़ी सहायक होगी।
5 एमएल खून सेम्पल के लिए जरूरी—
बताया गया कि इस जांच मशीन के लिए सेंपल के तौर पर पांच एमएल खून लिया जाएगा, मशीन 24 घंटे में रिपोर्ट देगी। इसके अलावा मशीन में एक साथ 22 सेंपलो की जांच की जा सकती है, विभिन्न चरणों में जांच की जाएगी, जिससे एक दिन में 44 लोगो की जांच इस मशीन से की जाएगी। जांच में टीबी पाए जाने पर संदिग्ध मरीजों का इलाज 6 महीने तक किया जाएगा। इलाज के दौरान मरीजों के स्वास्थ्य पर बारीकी नजर रखी जाएगी। दवा का इन मरीजों पर कितना असर हो रहा है, इसकी जानकारी समय-समय पर ली जाएगी।
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इस संबंध में सीएमएचओ डॉ बीएल मिश्र ने बताया कि टीबी मरीज के संपर्क में आने वाले लोगो की जांच नही होने से भविष्य में उनको भी बीमारी अपनी चपेट में ले लेती है। इसके लिए मशीन स्थापित की गई है, इससे रोग का असर मरीज पर होगा या नहीं इसकी जानकारी पहले ही हो जाएगी। इससे भविष्य में सामने आने वाले टीबी के मरीजों का उपचार पहले ही हो जाएगा। एक बार में 22 सेंपल जांचे जा सकते है, 24 घंटे में इसकी रिपोर्ट भी मिल जाएगी। वर्ष 2025 तक जिला टीबी मुक्त होगा।