रीवा। शहर में विकास कार्यो का ग्राफ बढ़ा है इसको नजरअंदाज नही किया जा सकता लेकिन इन विकास कार्यो में कुछ ऐसे भी मामले है जो हैरान कर देने वाले है। आज हम रीवा शहर में हो रहे ऐसे ही विकास कार्य के बारे में बताने जा रहे है जिसे देख आप भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल शहर के विकास कार्य मे मुर्दों के अस्तित्व पर भी संकट छा गया है। बता दें कि बंदरिया मुक्तिधाम के बड़े हिस्से को रिवर फ्रंट के लिए लिया गया है। जहां इसका कार्य कर रहे ठेकेदार ने दीवार खड़ी कर दी है। जबकि जानकारों की माने तो इसी जमीन के नीचे सैकड़ों लावारिस लाशें दफन हैं और उन्हीं दबी लाशों के ऊपर निर्माण किया जा रहा है। बता दे कि लावारिश लाशें जहा दफन की गई है वहां इस प्रकार से दीवार खड़ी करने को लेकर लोंग भी हैरान है। उनका कहना है कि भविष्य में यदि उनके परिजन मिलते है और लाश प्रशासन को देनी पड़ी तो प्रशासन किया करेगा, हालांकि अधिकारी इस मामले को लेकर गंभीर नही है। निगम के आधिकारिक सूत्र बताते है कि जिस जगह पर दीवार खड़ी कर उसे कैप्चर कर लिया गया है यहां लावारिश लाशें दफन की गई है। उनका कहना यह भी है कि अब मुक्तिधाम में लावारिश लाश दफन करने के लिए जगह की कमी होगी।
कैसे होगी जानकारी, पिलर बना डाले—-
बड़ा सवाल यह भी है कि निर्माण होने के बाद अधिकारी वह बता सकेंगे कि किस लाश को कहां दफन किया गया था और लाशों के ऊपर लोगों के मनोरंजन का स्थल बनाना यह समझ के परे है। जाहिर है यदि भविष्य में प्रशासन को शिनाख्तगी की जरूरत पड़ती है तो निर्माण तोड़े जाएंगे वही चर्चा यह भी है कि जहां ठेकेदार ने बाउंड्रीवॉल का निर्माण कराया है, उसमें कई पिलर बनाए गए हैं। यह पिलर लावारिस लाशों पर भी हो सकते हैं क्योंकि इस भूमि में कई लाशें गड़ी हुई हैं।
घटता जा रहा क्षेत्र, लगेगी मशीन—-
बता दे कि बंदरिया मुक्ति धाम में इस निर्माण के बाद क्षेत्र घटता जा रहा है। वही हाल में ही निगम ने यहां गैस फायर्ड सिस्टम मशीन लगाने के लिए टेंडर किया और कंपनी भी अनुबंधित हो गई। करीब 1800 वर्गफीट में निर्माण की बात की जा रही है। इस क्षेत्र के जाने के बाद एरिया और कम हो जाएंगे। हालांकि यहां अधिकारियों को भी ध्यान देना चाहिए ताकि मुक्ति धाम की जमीन को बचाया जा सके। क्योंकि मुक्तिधाम की मांग शहर में बढ़ती ही जा रही है। इको पार्क में भी कोरोड़ों की भूमि दान में दे दी गई। इस घोटाले की जांच अभी भी चल ही रही है, वहीं अब मुक्तिधाम की भूमि रिवर फ्रंट में चली गई।
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