रीवा। बुधवार को डीआईजी कार्यालय के सामने घंटों हंगामा चला। दो महिलाओं ने एक पुरुष को चप्पलों से पीटा। लोग तमाशबीन बने रहे। पुरुष भी सिर्फ चप्पलों से पिटता रहा, विरोध नहीं किया। पहले मारपीट ऋतुराज पार्क के अंदर चला। फिर महिला और पुरुष सड़क पर पहुंच गई। घंटे भर ड्रामा चला लेकिन पुलिस नहीं आई।
पुलिस की सक्रियता की पोल बुधवार की दोपहर को खुल गई। डीआईजी कार्यालय के सामने ही हंगामा होता रहा लेकिन एक पुलिसकर्मी भी नहीं पहुंचा। दरअसल मामला दो महिला और एक पुरुष के बीच रुपयों के लेन देन का था। महिलाएं ऋतुराज पार्क में एक पुरुष को पहले गालियां दीं। इसके बाद चप्पल उतार कर पीटने लगी। दोनों महिलाएं बारी बारी से पीट रही थी। पुरुष महिलाओं से सिर्फ बचने की कोशिश कर रहा था। मारपीट की इस घटना को देखने के लिए आसपास के कई लोग जुट गए। हालांकि किसी ने मामले में हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं की। मामला महिलाओं से जुड़ा हुआ था इसलिए लोग भी डर रहे थे लेकिन उन्हें किसी का डर नहीं सताया। वह चिल्लाती रहीं और कुर्ता पायजामा पहने पुरुष का बाल खींच-खींच कर पीटती रही। इतना ही नहीं काफी देर तक पार्क के अंदर पुरुष की पिटाई की। इसके बाद उसे कुर्ता पकड़कर घसीटते हुए डीआईजी कार्यालय के ठीक सामने ले आईं। यहां भी उसे चप्पलों से पीटा। लोगों ने मारपीट का कारण पूछा तो महिलाओं ने रुपए का लेन देन बताया। हालांकि यह भी स्पष्ट नहीं किया कि किस चीज के रुपए लेने थे। काफी देर तक हंगामा चलने के बाद तीनों मौके से गायब हो गए। पुलिस थाना तक मामला नहीं पहुंचा।
कुछ इस तरह से जुड़े हैं तीनों
मारपीट करने वाले महिला और पुरुष एक दूसरे से परिचित थे। महिलाएं चिरहुला कॉलोनी की रहने वाली है। मार खाने वाला पुरुष मनगवां का बताया गया। वह पहले महिलाओं के यहां ही किराए से रहता था। बाद में घर छोड़ कर चला गया। किराए में रहने के दौरान ही उनके बीच रुपए का लेन देन होना बताया गया। इसी रुपए को लेकर मारपीट भी हुई। इतना ही नहीं महिलाओं ने पुरुष पर रुपए देने के एवज में गंभीर आरोप भी लगाए।
वाह रे पुलिस
हद तो यह है कि जिस जगह पर घंटों ड्रामा चला, वह संवेदनशील क्षेत्र है। यहां कई सरकारी कार्यालय हैं। पुलिस से लेकर प्रशासनिक अधिकारी बैठते हैं। इसके बाद भी किसी की कान में जू तक नहीं रेंगी। महिलाएं गालियां देती रही। पुरुष की पिटाई करती रहीं लेकिन एक पुलिसकर्मी तक मौके पर नहीं पहुंचा। इससे रीवा की पुलिस की संवेदनशीलता का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। यह सारी घटना पुलिस विभाग के डीआईजी कार्यालय के सामने हुई। वहीं राजस्व विभाग के सबसे बड़े अधिकारी कमिश्नर रीवा संभाग रीवा का कार्यालय भी पास ही रहा। इसके अलावा पास में न्यायालय भी था लेकिन किसी को कोई फर्क नहीं पड़ा।