रीवा। कोरोना की दूसरी लहर ने जिले सहित प्रदेश भर में जमकर कोहराम मचाया, आलम यह था कि अस्पतालों में बेड भी धूढ़े नहीं मिल रहे थे। वहीं आक्सीजन के लिए भी लोगो को भटकना पड़ा। सबसे अधिक परेशानी गरीब वर्ग के लोगो को हुई, कोरोना के अलावा अन्य बिमारी के लिए भी वह ईलाज के लिए भटकते रहे। कोरोना की दूसरी लहर से राहत मिलने के बाद अब कोरोना मृतको के परिजन इस बात को प्रमाडि़त करने के लिए भटक रहे है कि उनके मरीज की मौत कोरोना से हुई थी, जी हां इस प्रकार के 44 मामले स्वास्थ्य विभाग की टेबल पर धूल खा रहे है, जिसमें परिजनों का दावा है कि उनके मरीज की मौत कोरोना से हुई है लेकिन उनको स्वास्थ्य विभाग विचार में नहीं ले रहा है। जिम्मेदार अधिकारी इसके लिए समय ही नहीं दे रहे है और परिजन चक्कर काट रहे है। परिजनों का दावा है कि उनके मरीज को कोरोना था लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी इसे नार्मल मौत बता रहे है। चर्चाओं में इस प्रकार के आरोप भी है कि आंकड़ो को छिपाने ऐसा किया गया और इसी लिए इन फाइलो पर विचार नहीं किया जा रहा क्योंकि आंकड़े बढ़ जाएंगे।
आंकड़ो में खेल का खुलासा…
वहीं इस दूसरी लहर में मौत के आंकड़ो में भी उछाल आई। पहली लहर में जहां 33 मौतो की बात अस्पताल प्रबंधन कर रहा था वहीं दूसरी लहर में 133 मौतो का आंकड़ा समीक्षा बैठक में पेश किया गया। यानि की दोनो लहरों को मिलाकर कुल 155 लोगो की मौत कोरोना से हुई है लेकिन हाल ही में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना मृतको के परिवार जनों को दी गई सहायता के आंकड़े सामने आए है जिसमें स्वास्थ्य विभाग ने जिले में 165 लोगो को कोरोना मृतको के संबंधित योजनाओं का लाभ दिया है। लाभ और मौत के आंकड़ो का मिलान करने पर 10 मृतको की संख्या अधिक आ रही है, वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीच में 147 लोगो के मौत की बात जा रही थी, जिससे 13 मरीज अधिक है। इस प्रकार के अजीबो-गरीब आंकड़ो ने स्वास्थ्य विभाग पर बड़े सवाल खड़े कर दिए है। बीच में भी निगम प्रशासन द्वारा कोरोना मरीजों के किए गए अंतिम संस्कार व स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ो में काफी अंतर आया था, जिसके बाद जिम्मेदार कुछ बोलने से कतरा रहे थे। इसी प्रकार सतना जिले में 135 मौत कोरोना से बताई गई थी लेकिन लाभ 151 लोगो को दिया गया है।
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