यह कैसी सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं, आखिर कब कम होगी बदहाली?
रीवा। एसजीएमएच की अव्यवस्थाओं व बदहाली से घबराकर बिना उपचार ही मरीज लौट रहे है, वह आते तो सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने के लिए है लेकिन अव्यवस्थाएं उन्हें इस लाभ से वंचित कर रही है। आलम यह है कि घबराकर मरीज वापस लौट जाते है और प्राइवेट नर्सिंग होम, अस्पतालों व सरकारी चिकित्सकों के आवासों पर उपचार के लिए पहुंचते है। ऐसा हम नहीं खुद एसजीएमएच के प्राप्त आंकड़े कह रहे है। वर्ष 2021 की बात करे तो 1 जनवरी 2021 से लेकर 30 नवंबर 2021 तक एसजीएमएच की बदहाली, अव्यवस्थाओं व चिकित्सकों की मनमानी के चलते 1.80 से अधिक लाख मरीज बिना दवा-उपचार के ही वापस लौट गए। 2.58 लाख मरीजों को ही सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिला। बता दे कि कुल 439121 लोग ओपीडी में पहुंचे थे जिसमें से 258325 ने ही दवाए ली, इसके अलावा अन्य 180796 मरीज बिना सरकारी सेवा लिए ही वापस लौट गए। यह वह मरीज है जो एसजीएमएच की ओपीडी में उपचार के लिए आए तो लेकिन अव्यवस्थाओं के चलते डर कर वापस लौट गए। हालांकि प्रबंधन बदहाली व अव्यवस्थाएं कम करने की वजाय पल्ला झाडऩे में लगा हुआ है, जिम्मेदारों का कहना है कि उन मरीजों को वह कैसे रोक सकते है जो अपनी मर्जी से ही बिना उपचार के वापस लौट रहे है लेकिन बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि यदि व्यवस्थाएं दुरुस्त हो तो मरीजों को क्यो वापस लौटना पड़ेगा। हालांकि कलेक्टर डॉ.इलैयाराजा टी व मेडिकल कॉलेज डीन डॉ.मनोज इंदुलकर सहित अधीक्षक डॉ.शशिधर गर्ग के प्रयास से व्यवस्थाओं में सुधार हो रहा है।
लॉकडाऊन में भी अव्यवस्थाओं का डर
कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाऊन के बीच जहां दवाईयां भी बड़े मुश्किल से मिल रही थी और प्राइवेट व्यवस्थाएं भी नहीं मिल रही थी ऐसे में भी मरीजों में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए शुरु रहे एसजीएमएच की अव्यवस्थाओं का डर रहा, मई माह में मात्र 6139 ने ही स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लिया जबकि उपचार के लिए पहुंचे 16596 लोग थे। इसके अलावा परामर्श लेकर ही वापस लौटे गए। ऐसा इसलिए कहना गलत नहीं होगा क्योकि कोरोना काल के बीच अव्यवस्थाओं से कहीं वह इस बीमारी की चपेट में न आ जाए इसलिए वह दवाईयां लेने से पीछे हटते रहे।
इसलिए वापस लौट रहे मरीज…!
– चिकित्सकों का समय पर न मिलना व ओपीडी के समय न बैठना
– चिकित्सकों के परामर्श के लिए लगी लंबी कतार
– दवा वितरण केन्द्रों में लगी लंबी कतारे
– भर्ती होने की बात कहने पर अव्यवस्थाओं से वापस लौटना
– अस्पताल सहित टॉयलेट में गंदगी, टूटे दरवाजे व गंध
– कर्मचारियों व बाहरी दलालो की मिलीभगत, निजी अस्पतालो से साठगांठ
– चिकित्सकों व स्टाफ का मरीज व परिजनो से खराब व्यवहार
– मरीज भर्ती के लिए खुद स्टे्रचर लेना और फिर उपचार के लिए भटकना
– कईयों को खुद चिकित्सक बंगलो में आने की बात कह रहे
वर्ष 2021 में उपचार सेवाओं के आंकड़े….
माह ओपीडी दवा लेने वाले वापस लौटे मरीज
जनवरी 34829 19295 15534
फरवरी 39252 21983 17269
मार्च 45656 26037 19619
अप्रैल 30990 13972 17018
मई 16596 6139 10457
जून 27849 15815 12034
जुलाई 42539 24्र6131 16608
अगस्त 49108 30054 19054
सितंबर 56991 37665 19326
अक्टूबर 52012 33844 18168
नवंबर 43299 27390 15909
कुल 439121 258325 180796
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