रीवा। शासकीय ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ रामलला शुक्ल सहित पूर्व प्राचार्य डॉ सतेंद्र शर्मा व डॉ एसयू खान शुक्रवार को ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत में पेश हुए जहां से जेल भेज दिया गया। करीब 14 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में ईओडब्ल्यू की रीवा इकाई ने दो साल जांच की। जांच के उपरांत शुक्रवार को विशेष अदालत में चालान पेश किया गया, जिसके साथ ही इस वित्तीय अनियमितता के मुख्य आरोपियों को अदालत पहुँचाया गया। गौरतलब है कि इन तीन पूर्व प्राचार्यों समेत टीआरएस महाविद्यालय के 19 अधिकारी-कर्मचारियों के विरुद्ध ईओडब्ल्यू भोपाल ने विगत नवम्बर 2020 में एफआईआर दर्ज की थी। महाविद्यालय की जनभागीदारी से करीब 14 करोड़ रुपये नियम विरुद्ध आहरित करने की शिकायत पर ईओडब्ल्यू ने यह कार्रवाई की। ईओडब्ल्यू द्वारा चालान पेश करने के बाद अब अन्य अधिकारी-कर्मचारियों की परेशानी भी बढऩा तय है। हालांकि इसे लेकर कुछ अधिकारी राहत भी मान रहे हैं, चूंकि अदालत में अपना पक्ष रखना उन्हें ज्यादा आसान समझ आ रहा है।
कलेक्टर ने कराई थी लंबी जांच
बता दें कि महाविद्यालय में कलेक्टर द्वारा अगस्त 2020 में वित्तीय अनियमितता संबंधी लम्बी जांच कराई गई। करीब आठ सौ पन्ने की जांच रिपोर्ट वाया रीवा कमिश्नर उच्च शिक्षा विभाग भोपाल भेज दी गई। इस जांच में डॉ शुक्ल को 14 करोड़ की वित्तीय अनियमितता का दोषी मानते हुए विभाग ने अक्टूबर 2020 को निलम्बित कर दिया। इसके उपरांत ईओडब्ल्यू ने कलेक्टर की इसी रिपोर्ट के आधार पर संबंधितों पर प्रकरण दर्ज कर लिया।
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परीक्षा, मूल्यांकन व टेबुलेशन के नाम पर हुआ आहरण
बताते हैं कि सत्र 2018-19 व 2019-20 की हुई जांच में यह मामला सामने आया था। ईओडब्ल्यू के मुताबिक परीक्षा, मूल्यांकन व टेबुलेशन के नाम पर तीनों पूर्व प्राचार्यों व अन्य ने महाविद्यालय की जनभागीदारी मद से स्वयं साढ़े 4 करोड़ रूपये राशि आहरित की। इसमें से अकेले डॉ शुक्ल ने 1 करोड़ 39 लाख 85 हजार रूपये इन दो सालों में आहरित किए। जबकि डॉ शर्मा ने 14 लाख 99 हजार व डॉ खान ने 52 लाख 31 हजार रूपये प्राप्त किए। विंध्य वाणी न्यूज आपको दे रहा है पूरी जानकारी…
एफआईआर में इनका भी नाम
ईओडब्ल्यू ने तीनों पूर्व प्राचार्यों के अतिरिक्त डॉ अजय शंकर पाण्डेय, डॉ कल्पना अग्रवाल, डॉ संजय सिंह, डा संजय शंकर मिश्रा, डॉ आरपी चतुर्वेदी के विरूद्ध प्रकरण बनाया है। साथ ही स्व. डॉ अवध प्रताप शुक्ल, डॉ बीपी सिंह, डॉ सुशील कुमार दुबे, डॉ आरएन तिवारी, डॉ एसएन पाण्डेय, डॉ आरके धुर्वे, डॉ एचडी गुप्ता का नाम भी ईओडब्ल्यू की पंजीबद्ध प्रकरण सूची में है। ऐसे ही श्रमिक प्रियंका मिश्रा, प्रभात प्रजापति, भृत्य रामप्रकाश चतुर्वेदी और तत्कालीन लेखापाल को ईओडब्ल्यू ने आरोपी बनाया है।
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