रीवा। प्रदेश में जब कांग्रेस सरकार बनी तो बड़े घोटालो से पर्दा उठा, इन घोटालों को उजागर करने वाले पूर्व निगमायुक्त सभाजीत यादव (सेवानिवृत्त आईएएस) मंगलवार को रीवा प्रवास पर रहें, उनके रीवा प्रवास की जानकारी होते ही सर्किट हाऊस में उनसे मिलने सैकड़ो की तदात में लोग पहुंचे। बता दें कि सभाजीत यादव ने नवनिर्वाचत महापौर अजय मिश्रा से भी मुलाकात की और शुभकामनाएं दी। बता दें कि इस मुलाकात को इस लिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि नवागत महापौर और पूर्व निगमायुक्त के बीच घंटो बंद कमरे में गुफ्तगू चलती रही। जिसमें कई पूराने मुद्दो पर चर्चा की गई। माना जा रहा है कि शहर सरकार में कांग्रेस का कब्जा होने के बाद पूर्व में हुए घोटालो पर जो कार्यवाही रूकी हुई थी उस पर कार्यवाही अब आगे बढ़ेगी और इसी को लेकर महापौर और पूर्व निगमायुक्त के बीच चर्चा भी हुई है। बता दें कि पूर्व निगमायुक्त सभाजीत यादव के कार्यकाल में उन्होंने 411 दिन के अपने कार्यकाल में 300 करोड़ के घोटाले सहित कई बड़े बंदरबांट से पर्दा उठाया था। आपको बता दें कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद निगमायुक्त की पदस्थापना 6 फरवरी 2019 को नगर निगम कार्यालय में की गई थी, जिसके बाद उनके द्वारा 7 फरवरी 2019 को निगम कार्यालय का प्रभार संभाला था।
पूर्व मंत्री सहित सांसद व महापौर पर दर्ज कराई थी एफआईआर
नगर निगम में निर्माणाधीन नवीन परिषद् कार्यालय का लोकार्पण मनमानी करते हुए पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला, सांसद जर्नादन मिश्रा, पूर्व महापौर ममता गुप्ता, पूर्व निगम अध्यक्ष सतीश सोनी सहित अन्य ने ताला तोड़ा, जबकि लोकार्पण के लिए निगम प्रशासन ने साफ मना किया था। नारेबाजी व भाषणबाजी का विरोध पूर्व निगमायुक्त सहित निगमकर्मियों ने किया था जिससे सिविल लाइन थाने में सभी पर एफआईआर दर्ज की गई। भाजपा महिला नेत्रियों ने भी निगम कार्यालय में चूडिय़ा तोड़ प्रदर्शन किया जिसका विरोध कई दिनों तक हुआ। पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को जारी वसूली मांगपत्र के बाद भाजपा व निगम प्रशासन आमने-सामने रहे।
भ्रष्टाचार करने वाले अफसरों पर की कार्रवाई
नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए भी सभाजीत यादव की पदस्थापना खतरनाक रही। उनके द्वारा पदभार संभालते ही कई अफसरों पर गाज गिरी। योजना क्रमांक 6 में हुए घोटाले की बात कह तत्कालीन कार्यपालन यंत्री शैलेन्द्र शुक्ला, सहायक यंत्री व उपयंत्री को काफी विरोध के बाद निलंबित किया गया। फर्जी पदोन्नति में सहायक शिक्षक हरिमित्र श्रीवास्तव निलंबित हुए, पीएम आवास घोटाला बाबू बृजेन्द्र चतुर्वेदी, कार्य में लापरवाही पर एपी पांडेय को निलंबित किया गया। सफाई कर्मचारी बुद्ध सिंह की अनुकंपा नियुक्ति फर्जी पाई गई। इसके अलावा कई कर्मचारियों को लापरवाही पर निलंबित निगमायुक्त द्वारा किया गया।
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