रीवा। एसजीएमएच में मरीज उपचार के लिए डाक्टरों का इंतजार कर रहे है, उन्हें सही समय पर उपचार डाक्टरों के सही समय पर न पहुंचने के चलते नहीं मिल पा रहा है, इसमें कोई गलती डाक्टरों की नहीं है, बस मेडिकल कॉलेज का एक निर्णय इसकी बड़ी वजह बन रहा है। दरअसल मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने अमहिया की ओर से होटल सफारी होते हुए एसजीएमएच सहित जीएमएच व डाक्टर कॉलोनी और मेडिकल कॉलेज को जाने वाले मार्ग पर ताला जड़ दिया है। इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बैठक में सुरक्षा का हवाला दिया था लेकिन इस सुरक्षा के हवाला ने अब डाक्टर कॉलोनी में रहने वाले चिकित्सको सहित अन्य स्टाफ को बेहद परेशान कर रखा है, सबसे बड़ी वजह इस गेट के बंद हो जाने से मेडिकल धोबिया टंकी मार्ग से होकर अस्पताल चौराहा वाले मार्ग में लगने वाला जाम है, महज दो मिनट की दूरी को तय करने के लिए इन्हें करीब आधे घंटे की मसक्कत जाम के बीच करनी पड़ती है। कभी इमरजेंसी होने पर चिकित्सकों को यदि अस्पताल आना हो तो उन्हें समय लग जाता है, कई दफा ऐसी स्थिति एसजीएमएच में भर्ती मरीजों के उपचार के लिए बन चुकी है, इसी प्रकार नर्सिंग स्टाफ सहित अन्य कर्मचारी परेशान है। बता दे कि इस परेशानी को लेकर कई दफा डाक्टर कॉलोनी में रहने वाले डाक्टरों सहित स्वास्थ्य कर्मियों ने अधीक्षक डॉ.एसपी गर्ग को ज्ञापन सौंप मांग की जा चुकी है, हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया, जिसके चलते मंगलवार को एक बार फिर डाक्टरों ने अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने निराकरण का आश्वासन चिकित्सकों को दिया है।
बताया गया कि सबसे अधिक समस्या गायनी विभाग की है। यहां के कस्तूरबा गेट में आने के लिए एम्बुलेंस को कम से कम आधा घंटा का समय लग जाता है और यदि किसी चिकित्सक को सुपर स्पेशलिटी से एसजीएमएच या मेडिकल कॉलेज आना है तो उन्हें जाम का सामना करना पड़ता है। इस प्रकर से चिकित्सको सहित अन्य स्टाफ काफी परेशान है, मरीजों को भी चिकित्सकों से अधिक परेशानी होती है। जानकारी के मुताबिक मेडिकल कॉलेज प्रबंधन 32 लाख रुपए प्रति माह खर्च कर रहा है, लेकिन इस गेट को सुरक्षा की दृष्टि से बंद करने की बात की जा रही है जो समझ के परे है। जबकि यह गेट एसजीएमएच, मेडिकल कॉलेज, जीएमएच आने जाने वालो के लिए सबसे अधिक उपयोगी था, पहले भी यह बंद था जिसे तत्कालीन निगम आयुक्त सभाजीत यादव ने खुलवाया था जिसके बाद मरीजों सहित चिकित्सकों को काफी राहत मिली थी। बता दें कि इस गेट को इस प्रकार से बंद किया गया है कि पैदल व्यक्ति भी यहां से अंदर नहीं आ सकता है।
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