रीवा। जिले में महिलाओं के कल्याण तथा जागरूकता के लगातार कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। आमजनता में भी लगातार जागरूकता बढ़ रही है। विभिन्न प्रयासों से जन्म के समय शिशु लिंगानुपात पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ गया है। फरवरी 2022 में जन्म के समय शिशु लिंगानुपात 956 है। इसका अर्थ यह है कि एक हजार बेटों के जन्म अनुपात में 956 कन्याओं का जन्म होता है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.बीएल मिश्रा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा आनलाइन दर्ज जानकारी के अनुसार रीवा जिले में जन्म के समय 2019-20 में शिशु लिंगानुपात 923 था। इस वर्ष कुल जन्में शिशुओं में से 22458 बेटे तथा 20733 बेटियॉ थी। जिले में 2020-21 में शिशु लिंगानुपात बढ़कर 938 हो गया। इस वर्ष जन्म लेने शिशुओं में 22385 बालक तथा 21002 बालिकाऐं थी। डॉ.मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2021-22 में शिशु लिंगानुपात बढ़कर 956 हो गया है। इस वर्ष जन्म लेने वाले शिशुओं में 17223 बालक तथा 16468 बालिकाऐं हैं।
इस तरह घटे-बढ़े आंकड़े
इस अवधि में विकासखण्ड जवा में शिशु लिंगानुपात 932 से बढ़कर 965, नईगढ़ी में 949 से बढ़कर 954, रायपुर कर्चुलियान में 932 से बढ़कर 984, विकासखण्ड रीवा में 904 से बढ़कर 981, सिरमौर में 881 से बढ़कर 980 हो गया है। इसी अवधि में जिले में विकासखण्ड गंगेव में शिशु लिंगानुपात 965 से घटकर 943, हनुमना में 1005 से घटकर 909, मऊगंज में 1008 से घटकर 947 तथा विकासखण्ड त्योंथर में 959 से घटकर 910 हो गया है। इन विकासखण्डों में महिला स्वास्थ्य, गर्भवती महिलाओं के पंजीयन तथा सोनोग्राफी केन्द्रों की लगातार निगरानी पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।
००००००००००००००००