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रीवा। जिले की कानून व्यवस्था भले ही एसपी नवनीत भसीन के आने के बाद काफी कुछ सुधरी हो लेकिन आज भी लोंगो के रक्षा के लिए संकल्पित पुलिस पर उठ रहे सवाल इस बात को प्रमाणित करते है की अभी भी मनमानी करने वालो की कमी नही है। होली के त्योहार के दिन उठे ऐसे ही एक सवाल ने जिले की कानून व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया। दरअसल भ्रमण पर निकले एसपी नवनीत भसीन को महिलाओं ने बीच बाजार सड़क पर रोक लिया और गुहार लगाने लगी। आरोप मऊगंज पुलिस पर ऐसे लगे कि सुनने वाले भी हैरान रह गए। एक बहन सहित अन्य महिलाओं ने उसके भाई पर झूठा मुकदमा दर्ज करने व थर्ड डिग्री टॉर्चर का आरोप लगाया। महिला ने बताया कि उसके भाई को मऊगंज पुलिस ने जबरन झूठे केस में फंसाया है।
क्या है मामला…
जानकारी के मुताबिक मऊगंज थाना क्षेत्र में रहने वाले युवक नीलेश वर्मा जो कि सतना में एसआई पद पर पदस्थ का पुत्र है। उस पर एनडीपीएस एक्ट पर कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार किया था व न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया। नीलेश के बहन सहित परिजनों का आरोप है कि उसके भाई को झूठे केस में फंसाया गया और थाने में उसके साथ मारपीट की गई और उसे जलाया गया। हालांकि मऊगंज पुलिस ने इन आरोपो से साफ इंकार किया है और कहा है कि नीलेश आदतन अपराधी है उस पर पहले से ही कई मामले दर्ज हैं।
रात भर बैठी रही बहन
नीलेश की बहन ने बताया कि उसके भाई को चोरी के मामले में पूंछतांछ के लिए पुलिस ले गई थी, जब उसे जानकारी हुई और वह थाने गई तो वहां किसी ने उसे कुछ नही बताया और वह रोती बिलखती वही बैठी रही, उसकी बाइक वही खड़ी थी, पूंछने पर उससे अभद्रता की गई और उसे कुछ नही बताया गया। बाद में जब भी मिला तो उसने बताया कि उसे बाथरूम में बंद करके बहुत मारा गया है और उसके शरीर को जलाया गया है। पुलिस उससे झूठी 5 लाख की चोरी कबूलने के लिए कह रही थी, जब नही माना तो उसे झूंठे केस में फंसाने की बात कही गई एयर फंसा के जेल भेज दिया गया। एसपी नवनीत भसीन से जांच की मांग की गई है। वही इस प्रकार के मामले ने मऊगंज पुलिस को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है।