सतना। सरकार पुजारियों को पूजा-पाठ का तरीका सिखाने की तैयारी कर रही है। जिले के 102 शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों की सूची बनाई गई है। एक महिला पुजारी भी शामिल है। जानकारी मप्र तीर्थ स्थान एवं मेला प्राधिकरण के सीईओ को भेजी गई है। दरअसल, शासन संधारित देवस्थानों के पुजारियों को प्रदेश सरकार प्रशिक्षण देने जा रही है। धर्मस्व विभाग द्वारा जून 2018 में लिए गए निर्णय के परिप्रेक्ष्य में अब जिलेवार पुजारियों की जानकारी चाही गई है। सतना से 102 पुजारियों की सूची तैयार की गई है। धर्मस्व विभाग ने सात प्रशिक्षण केंद्रों का चयन किया था। इसमें सतना सहित इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, शिवपुरी, टीकमगढ़ और विदिशा शामिल रहे। इन केंद्रों में दो दिवसीय प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया था। प्रशिक्षण के बाद पुजारियों को प्रमाण-पत्र भी दिया जाना था। हालांकि बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। अब एक बार फिर से इस मामले की नस्ती निकाली गई है।
यह थी योजना…
2018 में निर्णय लिया गया था कि शासन संधारित देव स्थानों और मंदिरों के पुजारियों को विशेष पव व त्योहारों पर की जाने वाली पूजा विधिए अनुष्ठान और कर्मकांड सिखाया जाएगा। उन्हें पंचांग पढऩा भी सिखाया जाएगा। प्रशिक्षण धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग मप्र तीर्थस्थान एवं मेला प्राधिकरण के जरिए देने का निर्णय लिया गया था।
प्रशिक्षण में क्या सिखाएंगे
मंदिर में भगवान की प्रभात आरती, भोग आरती और शयन आरती कैसे की जाती है।
शिवरात्रि, नवरात्रि, रामनवमी, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी जैसे विशेष पर्व पर अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा किस तरह की जाती है।
अनुष्ठान जैसे दुर्गा सप्तशती पाठ, अभिषेक, भूमिपूजन, वास्तु पूजन, वाहन पूजन कैसे किया जाता है।
कुछ पुजारियों को पंचांग देखना नहीं आता, इसलिए प्रशिक्षण में पंचांग देखना भी बताया जाना था।