रीवा। नगर निगम अध्यक्ष व्यंकटेश पांडेय सहित लेखा समिति अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह पटेल व अन्य भाजपा पदाधिकारियों व पार्षदों द्वारा मंगलवार को पत्रकार वार्ता आयोजित की गई जिसमें इंटर नेशनल खिलाड़ी कुलदीप सेन के साथ निगम अधिकारियों द्वारा किए गए व्यवहार का विरोध किया व कार्यवाही की मांग की गई। उन्होंने कहा कि विंध्य का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेल के माध्यम से पहचान दर्ज करने वाले ऐसे क्रिकेट खिलाड़ी कुलदीप सेन को स्वच्छता सर्वे 2023 का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया, ऐसा समाचार सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला जो हर्ष का विषय था, किंतु उसी दिन शाम को यह जानकारी प्रसारित की गई की अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी कुलदीप सेन को ब्रांड एंबेसडर बनाने संबंधी खबर का खंडन किया गया।
उसी के दूसरे दिन 28/11/2022 को पुन: एक खबर सोशल मीडिया व समाचार पत्रों के मेल पर यह खबर आई कि कुलदीप सेन को पुन: स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 का ब्रांड एंबेसडर बनाया जाता हैए जो तर्कसंगत नहीं है। अध्यक्ष नगर निगम ने निगम प्रशासन पर रीवा के सम्मानजनक व्यक्ति जो एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी है उनको 24 घंटे के पहले ब्रांड एंबेसडर बनाना फिर उनके नियुक्ति को निरस्त करना फिर उनको पुन: ब्रांड एंबेसडर बनाना उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने जैसा है उनके सम्मान को कम करना है। अध्यक्ष नगर निगम व पार्षद दल ने निगम प्रशासन पर यह आरोप लगाया है कि एक सामान्य परिवार से संबंध रखने वाले व्यक्ति व पिछड़े वर्ग के व्यक्ति के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया है, जिसका विरोध पूरा भाजपा पार्षद दल करता है। एक ही दिन में लगातार तीन बार अपमान किया गया यह अपमान एक पिछड़े वर्ग के व्यक्ति का नहीं पूरे पिछड़े वर्ग का अपमान किया गया, बोले कि चुकि नगर निगम का मुखिया महापौर होता है इसलिए इस पूरी प्रक्रिया की नैतिक जि़म्मेदारी महापौर की होती है इसलिए महापौर को पिछड़े वर्ग समाज से सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिये। बता दें कि उन्होंने स्वच्छता के नोडल अधिकारी एसके चतुर्वेदी, स्वास्थ्य अधिकारी मुरारी कुमार, रेमकी के मुकेश प्रताप सिंह, सांई विजन के हेड संदीप माने, पवन मित्तल, टीम से गजेंद्र सिंह शेंगर की उपस्थिति में किया गया। नगर निगम अध्यक्ष व भाजपा पार्षद दल ने कुलदीप सेन के साथ किए गए अपमानजनक व्यवहार के लिए नगर आयुक्त से कार्यवाही करने की मांग की है।
आपको बता दें कि निगम अध्यक्ष व भाजपा पार्षदों सहित पदाधिकारियों द्वारा दिए गए इस बयान कि नगर निगम का मुखिया महापौर होता है इसलिए इस पूरी प्रक्रिया की नैतिक जि़म्मेदारी महापौर की होती है इसलिए महापौर को पिछड़े वर्ग समाज से सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिये। इस बात को लेकर एमआईसी सदस्य धनेन्द्र सिंह बघेल, स्वतंत्र शर्मा, पूर्व पार्षद अशोक पटेल सहित अन्य कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि अभी तक अध्यक्ष यह मानने को तैयार नहीं थे और खुले शब्दों में यह कह रहे थे कि महापौर और एमआईसी को कोई अधिकार नहीं है, सबसे पहले तो निगम अध्यक्ष व्यंकटेश पांडेय सहित वीरेन्द्र पटेल व अन्य भाजपाईयों को माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उन्होंने महापौर के अधिकार पर सवाल खड़ा कर कहा कि उन्हें अधिकार नहीं और जब वह अब यह बात मान गए हैं तो उन्हें माफी मांगनी चाहिए, एमआईसी सदस्यों ने कहा कि भले ही देर से यह जानकारी अध्यक्ष सहित पार्षदों को हुई कि महापौर शहर व नगर निगम का मुखिया होता है। वहीं कहा यह भी जा रहा है कि स्वच्छता सर्वेक्षण के नोडल अधिकारी अधीक्षण यंत्री शैलेन्द्र शुक्ला हैं और यदि स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के संबंध में इतना बड़ा फैसला लिया सहायक नोडल एसके चतुर्वेदी द्वारा लिया गया तो उनके बिना जानकारी के कैसे हुआ और यदि जानकारी थी तो उन्होंने इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया। वहीं कहा जा रहा है कि निगम अध्यक्ष सहित अन्य ने स्वच्छता सर्वेक्षण के नोडल अधिकारी पर कार्यवाही की मांग की है लेकिन नोडल अधिकारी में नाम एसके चतुर्वेदी का दे दिया है, इसलिए नोडल अधिकारी सहित सभी ऐसे लोगो पर कार्यवाही की जानी चाहिए जो इस मनमानी में संलिप्त थे। हालांकि चर्चा है कि निगम आयुक्त मृणाल मीना द्वारा मामले में नोडल अधिकारी शैलेन्द्र शुक्ला सहित सहायक नोडल अधिकारी एसके चतुर्वेदी सहित जिम्मेदारों को तलब किया है। सहित सब को तलब किया गया है।