सीधी.नगर पालिका परिषद सीधी के 24 वार्डों में कुल 146 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरकर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें भाजपा के 24, कांग्रेस 23, आम आदमी पार्टी 14, शिवसेना 11, भारतीय जनशक्ति चेतना पार्टी 4, समाजवादी पार्टी 4, भारतीय कम्प्युनिष्ट पार्टी 1 एवं निर्दलीय 67 प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला नगर पालिका परिषद के 42508 मतदाता 13 जुलाई को वोट देकर करेंगे। मतदाताओं में 21784 पुरूष एवं 20742 महिला तथा 2 अन्य मतदाता शामिल हैं। सभी प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरकर मतदाताओं को रिझाने में लगे हुए हैं। सबसे ज्यादा घमाशान अनारक्षित महिला एवं अनारक्षित वार्डों में मचा हुआ है। यहां प्रत्याशियों की संख्या भी ज्यादा है। इसके अलावा यहां के मतदाताओं की पसंद भी प्रत्याशियों को लेकर अभी बटी नजर आ रही है। वहीं नगर पालिका अध्यक्ष का पद पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित होने के कारण इस वर्ग की प्रत्याशी भी चुनाव जीतने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं। भाजपा-कांग्रेस की ओर से पिछड़ा वर्ग महिला प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए पूरी कार्ययोजना के तहत प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। जो प्रत्याशी अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल मानी जा रही हैं उनके द्वारा अपने वार्डों में चुनाव प्रचार का सबसे ज्यादा फोकस किया गया है। पार्टी की ओर से चुनाव प्रचार के लिए जो नेता पहुंच रहे हैं उनके अलावा प्रत्याशियों के समर्थक एवं परिजन भी घर-घर जनसम्पर्क कर रहे हैं। अध्यक्ष पद के लिए जो पिछड़ा वर्ग महिला प्रत्याशी प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं उनके पक्ष में मतदाता भी तेजी के साथ लामबंद होते नजर आ रहे हैं। ऐसे वार्डों के कुछ मतदाताओं ने चर्चा के दौरान कहा कि यदि उनके वार्ड से निर्वाचित होने वाली महिला प्रत्याशी अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठती हैं तो निश्चित ही वार्ड का विकास तेजी के साथ होगा। भाजपा-कांग्रेस की ओर से पिछड़ा वर्ग महिला प्रत्याशियों को चुनाव जिताने के लिए आगे भी प्रचार-प्रसार में सक्रियता दिखाई जाएगी। अभी तक के चुनाव प्रचार में भाजपा-कांग्रेस की ओर से समान रूप से मुस्तैदी देखी जा रही है। दोनों दलों की ओर से जिले के बड़े नेताओं द्वारा भी चुनाव प्रचार का कार्य कुछ वार्डों में किया गया है। आगे भी उनके द्वारा चुनाव प्रचार का कार्य अन्य वार्डों में किया जाएगा। भाजपा-कांग्रेस की ओर से मतदाताओं को रिझाने के लिए प्रयास तेज किए गए हैं।
नगर पालिका परिषद सीधी में कुल 24 वार्ड हैं। इनमें अनुसूचित जाति के लिए वार्ड क्रमांक 21 एवं 8 आरक्षित है। जिनमें से वार्ड क्रमांक 21 की अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित है। इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति के लिए वार्ड क्रमांक 16 एवं वार्ड क्रमांक 12 आरक्षित है। इसमें वार्ड क्रमांक 12 अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित है। अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए 6 वार्ड क्रमश: वार्ड क्रमांक 17, वार्ड क्रमांक 6, वार्ड क्रमांक 1, वार्ड क्रमांक 3, वार्ड क्रमांक 19 एवं वार्ड क्रमांक 20 आरक्षित है। जिनमें से वार्ड क्रमांक 17, वार्ड क्रमांक 1 एवं वार्ड क्रमांक 3 अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इसके साथ ही महिलाओं के लिए आरक्षित 7 अन्य वार्ड क्रमश: वार्ड क्रमांक 4, वार्ड क्रमांक 11, वार्ड क्रमांक 13, वार्ड क्रमांक 15, वार्ड क्रमांक 18, वार्ड क्रमांक 23 एवं वार्ड क्रमांक 24 है। शेष वार्ड अनारक्षित है। नगर पालिका के सभी वार्डों में चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी अपने स्तर से मतदाताओं को रिझाने में लगे हुए हैं। जिससे उन्हे ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं का समर्थन प्राप्त हो सके। प्रत्याशियों के साथ ही उनके परिवार के लोग भी इन दिनों मतदाताओं से सम्पर्क कर हाथ जोड़ते हुए उनसे समर्थन देने की मांग कर रहे हैं। प्रत्याशियों की संख्या कुछ वार्डों में ज्यादा होने से मतदाता भी असमंजस में फंसे हुए हैं।
नगर पालिका परिषद सीधी एवं नगर परिषद मझौली, चुरहट, रामपुर नैकिन के चुनाव प्रचार में स्टार प्रचारको की पूरी तरह से दूरी बनी हुई है। इसका प्रमुख कारण नगर पालिका एवं नगर परिषदों में अध्यक्ष पद का प्रत्यक्ष निर्वाचन न होना है। इस बार निर्वाचित होने वाले पार्षद ही अध्यक्ष का निर्वाचन करेंगे। मतदाताओं के हाथ में अध्यक्ष का निर्वाचन न होने के कारण ही स्टार प्रचारकों की चुनाव प्रचार से पूरी तरह से दूरी बनी हुई है। स्टार प्रचारकों के आने का सिलसिला इस बार केवल नगर निगम चुनाव में ही चल रहा है। नगर निगम में महापौर का निर्वाचन प्रत्यक्ष प्रणाली से होने के कारण वहां मतदाताओं को रिझाने के लिए स्टार प्रचारक दूर-दूर से आ रहे हैं। चर्चा के दौरान शहरी क्षेत्र के कुछ मतदाताओं ने भी कहा कि नगर पालिका एवं नगर परिषद का चुनाव इस बार केवल वार्ड विकास के नाम पर ही लड़ा जा रहा है। पूरे नगर के विकास के लिए भाजपा-कांग्रेस का रोडमैप क्या है यह प्रचार से पूरी तरह से गायब है। नगरीय निकाय चुनाव में इस बार मतदाता स्वयं को छले हुए महसूस कर रहे हैं। चुनाव प्रचार में आने वाले प्रत्याशी भी केवल अपने वार्ड के संबंध में ही विकास के दावे कर रहे हैं। उनसे पूरे नगर के विकास से कोई सरोकार नहीं है। मतदाताओं को ऐसा आभास हो रहा है कि नगर पालिका एवं नगर परिषद का चुनाव केवल वार्ड का चुनाव होकर ही रह गया है।