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रीवा। शासकीय ठाकुर रणमत सिह महाविद्यालय रीवा मे विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सार्थकता विषय पर प्रबोधन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गिरीश गौतम तथा अध्यक्ष जर्नादन मिश्रा सासंद रीवा थे। विशिष्ट अतिथि के रुप में डॉ. पंकज श्रीवास्तव क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा रीवा थे। सर्वप्रथम एन.सी.सी. के छात्र-छात्राओं द्वारा मान्नीय अतिथियों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष द्वारा भारत माता की प्रतिमा तथा गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, सांसद जर्नादन मिश्र तथा प्राचार्य डॉ के के शर्मा द्वारा मॉं सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण पूजन अर्चन तथा दीप प्रज्ज्वलन किया गया। तत्पश्चात महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की गई। डॉ. के.के.शर्मा प्राचार्य डॉ बी के शर्मा तथा डॉ आर एन तिवारी ने माननीय विधानसभा अध्यक्ष का गज माला से स्वागत किया गया। सभी विभागाध्यक्षों द्वारा माननीय विधानसभा अध्यक्ष महोदय का फूलों से स्वागत किया गया। छात्र-छात्राओं ने संगीत विभाग के निर्देशन में स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ के के शर्मा द्वारा अतिथियों का स्वागत भाषण के माध्यम से किया गया। डॉ आर एन तिवारी प्रभारी जनभागीदारी समिति द्वारा मान्नीय श्री गिरीश गौतम जी के सम्मान में अभिनन्दन पत्र का वाचन किया गया तत्पश्चात् प्राचार्य डॉ के के शर्मा डॉ अजयशंकर पाण्डेय डॉ संजय सिंह डॉ आर एन तिवारी तथा डॉ बी के शर्मा द्वारा अभिनन्दन पत्र एवं शॉल एवं श्रीफल से सम्मान किया गया। सांसद जर्नादन मिश्र का शॉल एवं श्रीफल से सम्मान किया गया। डॉ आर एन तिवारी द्वारा महाविद्यालय की उपलब्धियों के संबंध में वक्तव्य प्रस्तुत किया गया। गिरीश गौतम अध्यक्ष विधान सभा ने अपने उद्बोधन में कहा कि मैं भी इस महाविद्यालय का छात्र रहा हूॅं। उन्होंने प्रबोधन कार्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आवश्यकता एवं महत्व को विश्लेषित किया। उन्होंने राष्ट्र और शिक्षा नीति के बीच क्या संबंध है इस बात को व्याख्यांकित किया। उन्होंने शिक्षा विद्या ज्ञान रोजगार और समाज में नेतृत्व क्षमता तथा विद्यार्थियों को समाज प्रवर्तक बनाने वाली शिक्षा नीति का विश्लेषण किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नयी शिक्षा नीति भारतीय संस्कृति का संपोषण कर रही है। उन्होंने विश्लेषित किया कि नयी शिक्षा नीति के माध्यम से राष्ट्र भाव एवं राष्ट्र प्रेम पैदा होगा जिससे एक सशक्त समाज का निर्माण होगा । उन्होंने शिक्षकों को भी गुरू की भूमिका निर्वाह होने की बात कहीं। महाविद्यालय में कार्यरत स्ववित्तीय एवं जनभागीदारी शिक्षकों ने वर्तमान मानदेय को अपर्याप्त बताते हुए अध्यक्ष महोदय को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। कोविड काल में जिन शिक्षकों एवं श्रमिकों को कार्य से निकाला गया था उन्होंने भी अध्यक्ष महोदय को ज्ञापन सौंपा। अध्यक्ष ने उक्त तथ्यों का परीक्षण करवाने हेतु आश्वासन दिया। कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा होली गीत प्रस्तुत किया गया।
जर्नादन मिश्रा सांसद रीवा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि मैं भी इस महाविद्यालय का प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में छात्र रहा हूॅं। उन्होंने कहा कि आज महाविद्यालय में आकर पुरानी स्मृतियां ताजा हो गयीं। छात्रों को पुस्तकालय एवं क्रीड़ा की उपयोगिता बताई और कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पुस्तकालय क्रीड़ा शोध रोजगार नवोन्मेष स्थानीय भाषा आदि को विशेष महत्व प्रदान किया गया है। उन्होंने अभिभावकों की भूमिका को भी विश्लेषित किया।व्याख्यान कार्यक्रम के संयोजक डॉ बी के शर्मा थे एवं कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ भूपेंद्र सिंह एवं आभार प्रदर्शन डॉ बी के शर्मा के द्वारा किया गया। कार्यक्रम व्यवस्था में डॉ अजय शंकर पांडे डॉ संजय सिंह डॉ बी पी सिंह मंच व्यवस्था में डॉ कल्पना अग्रवाल डॉ शिप्रा द्विवेदी डॉ निवेदिता टेम्भरे मंगलाचरण तथा स्वागत व्यवस्था में डॉ आरपी चतुर्वेदी स्वल्पाहार व्यवस्था में डॉ आर एन सरस्वती वंदना स्वागत गीत व्यवस्था में डॉ नागेश त्रिपाठी डॉ रविंद्र धुर्वे डॉ सरिता पाठक डॉ सत्येंद्र पटेल डॉ नित्यानंद चौधरी प्रेस समिति में डॉ अखिलेश शुक्ल फोटोग्राफी समिति में डॉ महेश शुक्ला स्वागत समिति में डॉ श्रीनाथ पांडे डॉ अनिल तिवारी डॉ गायत्री मिश्रा डॉ ब्रजलाली पटेल एवं अनुशासन व्यवस्था में डॉ संजय शंकर मिश्र डॉ श्रीनाथ पांडे डॉ समय लाल प्रजापति डॉ मो अब्बास की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम के सफल आयोजन में महाविद्यालय के सभी विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, जनभागीदारी एवं स्ववित्तीय शिक्षक तथा कर्मचारियों का सराहनीय योगदान रहा। वही बताया गया कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा स्ववित्तीय व जनभागीदारी शिक्षकों की मांग पर उनके मानदेय में बढोत्तरी की घोषणा भी की है, अभी उन्हें 18 हजार रुपये प्रतिमाह मिल रहा था अब 20 हजार रुपये प्रतिमाह फरवरी माह से दिया जाएगा। हालांकि अभी भी शिक्षक संतुष्ट नही देखे जा रहे है क्योंकि उनकी मांग 30 हजार रुपये प्रति माह की है अन्य महाविद्यालयों में इतना ही मानदेय दिए जाने की बात बताई जा रही है। हालांकि प्राचार्य केके शर्मा ने शिक्षकों के आगे भी वेतन बढोत्तरी की बात कही है।