रीवा।
रीवा के बहुचर्चित रेप केस को लेकर प्रशासन एक्शन में हैं, मुख्य आरोपी
महंत सीताराम दास सहित उसके साथी हिस्ट्रीशीटर विनोद पांडेय को गिरफ्तार कर
विनोद को जेल भेज दिया गया है। हिस्ट्रीशीटर विनोद पांडेय पर आरोप है कि
उसके द्वारा ही किशोरी को गुमराह कर महंत की हवस का शिकार बनवाया था।
प्रशासन ने दोनो के मकान पर बुलजोजर भी चला डाला लेकिन इस बीच अन्य दो
अपराधी प्रशासन की पकड़ से बाहर है जो इस मामले में बराबर के हिस्सेदार थे।
वहीं एक अपराधी उसे भी कहना गलत नहीं होगा जिसके बाद द्वारा राजनिवास जैसी
सुरक्षित जगह में एक अपराधी के नाम से कमरा नंबर 4 का आवंटन किया और महंत
को बलत्कार के लिए एक सुरक्षा सहित सुरक्षित कमरा उपलब्ध कराया।
पिछले 5
दिनों से रेप कांड को लेकर चर्चा में रहा राजनिवास के कमरा नंबर-4 की
बुकिंग का राज आज भी रहस्य बना हुआ है। प्रशासन अभी तक यह स्पष्ट नही कर
पाया कि हिस्ट्रीशीटर विनोद पांडे के नाम महंत के लिए कमरा किसने ऐलाट किया
और किसके कहने पर उन्हे वीवीआईपी गेस्ट हाउस में ठहराया गया था। इसको लेकर
प्रशासन पूरी तरह से खामोश है। ज्ञात हो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
खुले मंच से बोल चुके है कि राजनिवास में कमरा का बंदोबस्त करने वालों के
खिलाफ कार्रवाई की जाए, लेकिन सीएम के आदेश के बाद भी रीवा के वरिष्ठ
अधिकारी इसको लेकर अभी तक कोई एक्शन नहीं ले पा रहे हैए जबकि हर किसी के
जहन में यह सवाल उठ रहा है कि राजनिवास का कमरा नंबर-4 कैसे ऐलाट हो गया?
नहीं हुई बिल्डर की कथा
बता
दें कि हनुमान कथा का आयोजन शहर के नामी बिल्डर समदडिय़ा बिल्डर द्वारा
अपने समदडिय़ा गोल्ड के शुभारंभ में कराया जा रहा था, इसी में महंत आया भी
हुआ था लेकिन यह कथा आयोजित महंत के कुकर्म सामने आने के बाद नहीं की गई।
लेकिन समदडिय़ा बिल्डर पर भी इस मामले को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं,
चर्चाओं में कहा यह भी जा रहा है कि महंत के स्थानीय चेले उसके साथ मिलकर
बिल्डर के साथ कई ब्यारे-न्यारे करते थे, जिसमें बिल्डर भी बराकर के
भागीदार हैं, हालांकि पुलिस महंत से पूछतांछ में जुटी हुई है।
पुलिस कर सकती है बड़ा खुलासा
वहीं
सूत्रों की माने तो इस रहस्य से जल्द ही पर्दा उठ सकता है, रीवा एसपी
नवनीत भसीन के कुशल मार्गदर्शन में जल्द ही इसका खुलासा हो सकता है। मामले
में शहर के नामी भी फंसते दिख रहे हैं, वहीं कुछ ऐसे भी है जो एकता
जिंदाबाद का नारा लगाकर युवाओं को भ्रमित करते थे व तबादलो की ठेकेदारी ऐसे
ही दुष्कर्मी महंतो की आड़ में करते थे और लूट-खसोट में हिस्सेदारी निभाते
थे। हालांकि अस्लियत को पुलिस के खुलासे के बाद ही सामने आएगी।