रीवा। मध्यप्रदेश शासन की सूत्र सेवा शुरू होने पहले से ही विवादों में घिर गई, इस बस के संचालन और किराया की कमी के चलते ऑटो सहित अन्य बस संचालकों में आक्रोश रहा और उनका धंधा उन्हें कम होता दिखा, जसि बात को लेकर वह आये दिन विवाद करते ही रहते हैं। बस चालक व परिचालक के साथ मारपीट की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, नगर निगम इसे अपनी बस कहता तो जरूर है लेकिन इसके लिए किसी प्रकार के कोई सख्त प्रयास नही किये जाते। हालांकि सूत्र सेवा के संचालन में ओपरेटर की मनमानी भी विवादों का कारण कई बार होती है। शुक्रवार की रात एक बार फिर सूत्र सेवा सिटी बस के परिचालक के साथ मारपीट का मामला प्रकाश में आया है। जिसकी शिकायत परिचालक से सिविल लाइन थाना में दर्ज कराई है। दर्ज शिकायत के मुताबिक सुरेंद्र दुबे पिता स्व चिंतामणि दुबे उम्र 53 वर्ष रोजाना की तरह करीब 9.30 बजे अपनी बस क्रमांक एमपी 17 पी 2411 को ट्रंसपोर्ट नगर में खड़ी कर वापस अपने घर ढेकहा की और पैदल चला आ रहा था जैसे ही वह चौराहे में पहुंचा गहरवार बस का चालक राकेश साकेत व दो अन्य साथियों के साथ आकर अश्लीन गालियां देने लगे व बोले कि तू हमारी बस के आगे पीछे अपनी बस खड़ी करते हो और मारपीट करने लगे जिससे मेरी बाई आंख व गाल और पीठ में गंभीर चोट आई हैं। मेरे द्वारा चील्लाने ओर वही पास में मौजूद बंटा पान वाला और मथुरा सिंह ने बीच बचाव किया और युवक यह कहते हुए चले गए कि थाने में शिकायत करोगे तो जान से मार देंगे। रात होने के कारण वह थाने नही आया और सुबह आकर मामले की शिकायत की।
बता दे कि मारपीट की यह पहली घटना नही है इसके पूर्व भी सिटी बस चालक व परिचालक के साथ मारपीट के मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन बस का संचालन कर रही कंपनी और नगर निगम सहित पुलिस प्रशासन की लापरवाही से कोई शख्त कार्यवाही नही होती, जिससे इस प्रकार की घटना को अंजाम देने वालो के हौसले बुलंद है और वह इस प्रकार से मारपीट करते रहते है, इसमें चंद तनख्वाह में काम करने वाले गरीब कर्मचारी शिकार बन रहे हैं।