रीवा। विश्व भर में प्रसिद्ध चिरहुला नाथ मंदिर में इन दिनों यहां पूजा अर्चना करने वाले पुजारियो में काफी आक्रोश है, यह आक्रोश प्रशासन द्वारा लिए गए निर्णय के चलते है। चिरहुला नाथ मंदिर की व्यवस्थाओं को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों ने ऐसा निर्णय लिया है कि अब पुजारी खुलकर इसके विरोध में उतार आये है और शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंच कर विरोध भी जताया। बताया गया कि चिरहुला मंदिर में द्वादस ज्योतिर्लिंग शंकर भगवान मंदिर में सहायक पुजारी की पोस्ट खाली है जिसमें रोजगार अधिकारी अनिल दुबे जिनके पास की लक्ष्मण बाग संस्थान का भी प्रभार है0 उनके द्वारा किसी अन्य व्यक्ति की नियुक्ति कर दी गई है जबकि वह चिरहुला मंदिर में कभी देखा ही नही गया न ही कभी पूजा अर्चना करता है और न ही मंदिर का पुजारी है। बावजूद इसके उसको नियुक्त कर दिया गया जबकि चिरहुला मंदिर में वर्षो से पूजा करने वाले पुजारी उससे वरिष्ठ है और नियुक्ति के पात्र है। उसे तत्काल हटाये जाने की मांग को लेकर पुजारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी को ज्ञापन सौंप मंदिर के वरिष्ठ पुजारी की नियुक्ति की मांग की है। पुजारियो का साफ कहना है कि यह नियुक्ति पूरी तरह से गलत है।
रामजी उपाध्याय की मांग—
बता दे कि कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में चिरहुला मंदिर के पुजारियो ने कहा है कि इस सहायक पुजारी के पद पर मंदिर के सबसे वरिष्ठ पुजारी राम प्रपन्नाचार्य रामजी उपाध्याय को नियुक्त किया जाए। वह मंदिर के वरिष्ठ पुजारी है और मंदिर में वर्ष 1990 से लगातार सेवा कर रहे है। इतना ही नही प्रयागराज में लगने वाले मेला की व्यवस्था भी उक्त पुजारी द्वारा देखी जाती है। जिसको नियुक्त किया गया है वो मंदिर का पुजारी नही था, इसलिए इसे हटा कर वरिष्ठ पुजारी रामजी महाराज को नियुक्त किया जाए।
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