सभी ताजा खबरें पढ़ने के लिए कृपया जरूर जुड़े🙏
Join Now
रीवा। चिकित्सा क्षेत्र में एक युग का अंत हो गया, जिले के ख्यातिप्राप्त मेडिसिन रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एके तिवारी का बुधवार की सुबह करीब 4.30 बजे रीवा हॉस्पिटल में ईलाज के दौरान निधन हो गया। बताया जा रहा है कि, पिछले सोमवार उनका स्वास्थ्य खराब था और उनको हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। जिसके बाद से उनका उपचार वही किया जा रहा था, बुधवार की सुबह अचानक हालत बिगड़ी और उनका निधन हो गया। 90 वर्ष की उम्र में ही उनका निधन हो जाना जिले के लिए सदमें से कम नहीं है। जिले भर में शोक की लहर है। डॉ एके तिवारी टीआरएस कॉलेज प्राध्यापक डॉ अमित तिवारी के पिता हैं। उनकी पहचान एक वरिष्ठ समाजसेवी के रूप में भी की जाती है। जबलपुर से सेवानिवृत्त के बाद वह रीवा में ही रहे और रीवा के जनता की एक मेडिसिन विशेषज्ञ के रूप में सेवा भी की। वह डायबिटीज के विशेषज्ञ थे और दुनिया की हर देशों में उन्होंने डायबिटीज की कॉन्फ्रेंस अटेंड की।यह किसी आश्चर्य से कम नहीं था कि 90 बरस की उम्र के बाद भी वह काफी सक्रिय थे, सामाजिक कार्यों के साथ मरीज देखते थे, लेख और किताबें लिखती थे, शोधपत्र पढ़ती थे, लोगों की मेल के जवाब देते थे, योग करते और यहाँ तक कि मेडिकल सेमिनारों में हिस्सा लेती थे, मेडिकल कॉन्फ्रेंसों में उनका लेक्चर सुनकर देश व विदेश के नामी-गिरामी डॉक्टर खुद को धन्य समझते थे।
गरीबो के लिए दी सेवाएं
बता दें कि रीवा में जब भी किसी व्यक्ति को मेडिसिन संबंधी बीमारी होती थी तो ज़ुबां पर बस एक ही नाम याद आता था, सिर्फ डॉ एके तिवारी का जो कि अब इस दुनिया में नहीं रहे। लोगों की माने तो डॉक्टर का व्यवहार ही उनकी पहचान थी। वो मरीज से एक दोस्त की तरह बातें करते उनका ईलाज करते थे।उनकी पहचान एक समाजसेवी के रूप में भी की जाती है, क्योंकि उनके द्वारा गरीबो का निशुल्क इलाज के साथ साथ कई स्वास्थ्य संस्थाओं में निशुल्क सेवा भी देते रहे। बताया गया कि अस्पताल में भर्ती होने के ठीक एक दिन पहले तक वह मरीजो को देखते रहे व बीमारी से जंग लड़ने के दौरान भी कई मरीजो को फोन पर ही परामर्श देते रहे। रीवा महाराजा व महारानी के स्वास्थ्य परामर्श दाता वह रहें। डॉ एके तिवारी को रीवा के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सकों में से एक माना जाता है।
मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य
बता दें वैसे तो डॉ एके तिवारी के जीवन की कई उपलब्धियां हैं लेकिन गरीबो के बीच मसीहा का दर्जा मिलना उनकी विशेष उपलब्धि जीवन कॉल की रही है, इसके अलावा वह मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य सहित जिले की कई सामाजिक संस्था जैसे व कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं। उनके निधन से एक युग का अंत हो गया, रीवा जिले के तमाम वरिष्ठ चिकित्सक उनके शिष्य हैं। बताया गया कि उनका अंतिम संस्कार पारिवारिक रीतिरिवाज से जबलपुर में किया जाएगा।