रीवा। जिले में गौशाला के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा हैं, भूखे-प्यासे गौवंश मर रहे है, आए दिन इस प्रकार के मामले जिले में प्रकाश में आ रहे है। हैरानी इस बात की है कि इन मामलो पर गौवंश संरक्षण की बात करने वाली सरकार और न ही उसके जनप्रतिनिधि आगे आए हैं। अधिकारी भी मनमानी में लगे हुए है। इस प्रकार से गौवंशों की हो रही मौतो ने प्रशासन और शासन दोनो कटघरे में खड़ा कर दिया है। ताजा मामला त्योंथर के सोनौरी गौशाला का प्रकाश में आया है जिसके समीप 80 से अधिक गौवंशो के कंकाल मिले है।
क्या है मामला..
जानकारी के मुताबिक समाजसेवियों द्वारा सोनौरी गौशाला का निरीक्षण किया गया, जिसमें पाया गया कि गौशाला के समीप 80 से अधिक गौवंशो के कंकाल मिले हुए है, जब इस संंबंध में वहीं रहने वाले कर्मचारी मोहनलाल से बात की गई तो उन्होंने इस कंकाल के गौवंश के होने की पुष्टि की और संख्या भी 80 बताई क्येांकि उनके द्वारा ही इन्हें यहां फेंका गया था। अव्यवस्थाओं की बात बताई गई और बताया कि खाने के लिए पर्याप्त चारा नहीं मिलने से गौवंशों की मौत हो रही है।
खुद को नहीं मिला मानदेय
मोहनलाल ने समाजसेवियों को बताया कि उनको खुद का मानदेय बीते कई माह से नहीं मिला है जिससे उनका परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है, इतना ही नहीं मानदेय नहीं मिलने से उन्हें दूसरे काम भी करने पड़ रहे हैं जिससे यहां छोटे-छोटे गौवंशों को कई बार अवारा कुत्ते भी अपना शिकार बना लेते हैं। गौवंशो के साथ हो रही इस प्रकार की ज्यादती को सुन लोग हैरान है लेकिन अभी भी शासन प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेग रही। आरोप है कि गौवंश के नाम पर बड़ा घोटाला किया जा रहा है और इसके लिए मिलने वाली राशि में बंदरबांट किया जा रहा है।
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