रीवा। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मप्र में रीवा एक मात्र ऐसा जिला है जहां अंदर जाने पर इंटी फीस के नाम पर 50-50 रुपए खर्च करने पड़ते है, हालांकि यह खर्च कार सवार व बस चालको को नहीं देना पड़ता। बल्कि यह वसूली ऑटो ड्राइवर, माल वाहक, पिकअप वाहन, लोडिंग वाहन और अनलोडिंग कर लौटने वालों को लगता है लेकिन यह अब आप यह सोच रहे होंगे कि यह नियम और कानून कैसे हैं और किसके द्वारा बनाए गए होंगे तो हम आपको बता दें कि यह वसूली नगर निगम के बाजार बैठकी ठेकेदार द्वारा की जाती है, नगर निगम के निर्धारित रेट से अधिक वसूली ठेकेदार द्वारा की जाती है। यह हम नहीं मीडिया रिपोर्ट्स कह रही हैं। हाल ही में देश के एक बड़े दैनिक अखबार ने नगर निगम के बाजार बैठकी ठेकेदार का स्ट्रिंग कर इस बात का खुलासा किया है। ठेकेदार के गुर्गे इंट्री फीस के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं। हालांकि यह कोई नई बात नहीं है इसके पूर्व भी बाजार बैठकी ठेकेदारों पर यह आरोप लगे हैं और हकीकत सामने आई भी है लेकिन नगर निगम के अधिकारियों के सह के चलते किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं होती। नगर निगम आयुक्त मृणाल मीना के संज्ञान में पूर्व में भी मामला प्रकाश में आया तो लेकिन कार्यवाही नहीं हो सकी, शायद यही वजह है कि अब ठेकेदार के हौसले और बढ़ गए है और अवैध वसूली अब भी जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वाहनो को 20 रुपए की पर्ची दी जाती है और इसके बदले रकम 30-50 रुपए तक की वसूली जाती है। जानकारी के मुताबिक ठेका किसी संदीप तिवारी के नाम पर है जिसके गुर्गे अवैध वसूली कर रहे हैं।
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