भोपाल। मप्र की राजधानी भोपाल में महापौर की कुर्सी पर अपना कब्जा जमाने वाली मालती राय ने जीवन में बड़े संघर्ष किए हैं। उनके संघर्ष की कहानी लोगो के लिए प्रेरणा दायी है, आज वह प्रदेश के महानगर में शहर सरकार की कमान संभालने जा रही हैं ऐसे में उनके बारे में कुछ खास बाते जानना बेहद जरूरी है। हम आपको इस खबर में मालती राय से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां देने जा रहे हैं। मालती राय की उम्र 58 वर्ष है और वह भोपाल की तीसरी महिला महापौर हैं। इनका जन्म बीना में हुआ और इनकी स्कूलिंग भी यहीं से हुई है। वर्ष 1983 में इन्होंने 11वीं पास होने के बाद भोपाल के एमएल राय से विवाह हुआ। बताते चले कि शुरुआती दिनो में मालती राय शादी के बाद छोटे से दो कमरे के मकान में रही और संयुक्त परिवार में रहते हुए भी चुनौतियों के साथ पारिवारिक जिम्मेदारियां संभालीं।
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ऐसा रहा कैरियर…
उनके कैरियर की बात तो महपौर की कुर्सी पर अपना कब्जा जमाने वाली मालती राय सबसे पहले गोविंदपुरा में महिला जनकल्याण केंद्र में 275 रुपए प्रतिमाह के तनख्वाह पर नोकरी करती थीं। बाद में उन्होंने यह नोकरी छोड़ दी क्योंकि घर से इस केन्द्र की दूरी बहुत थी। इसके बाद मालती ने 1985 में ब्राइट कॅरियर प्राइवेट स्कूल को ज्वाइन किया और यहां उन्हें प्रतिमाह 175 रुपए दिए जाते थे। प्राइवेट स्कूल में अनुभव लेने के बाद उन्होंने खुद का एक वर्ष 1988 में पुष्प विहार स्कूल शुरू किया। बताया जाता है जब यह स्कूल शुरु हुआ तो यहां मात्र 35 बच्चे थे। इसी दौरान उनके द्वारा साथ में बीए, एमए और बीएड किया। इसके साथ ही वह राजनीति में भी सक्रिय रहीं, 1984 में भाजपा की सदस्यता उनके द्वारा ली गई। 1988 में महिला मोर्चा की जिला मंत्री बनीं। 1994 में पार्षद चुनाव लड़ा, लेकिन हार मिली। 1999 में महापौर के पहले डायरेक्ट इलेक्शन में जब विभा पटेल जीतीं थीं, तब भी भाजपा से मालती ने दावेदारी की थी। उनकी यह इच्छा 2022 में जाकर पूरी हुई। 2004 में पार्षद का चुनाव लड़ा और जीत गईं। 2006 में महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बनीं। 2009 में भाजपा जिला उपाध्यक्ष के साथ ही नरेला विधानसभा की प्रभारी थीं। 2010 में भी पार्षद का चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं।
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