रीवा। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में सेवायें दे रहे जूनियर डॉक्टर मुऱली की जान बचाने डॉक्टरों की पूरी टीम पूरे शिद्दत से लगी रही, लेकिन बचाया नहीं जा सका। हालत बिगडऩे पर उपचार हेतु उन्हें दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल ले जाने की तैयारी की जा रही थी। दिल्ली से एयर एम्बुलेंस भी बुलाई गई थी। रीवा के चोरहटा हवाई अड्डे में एयर एम्बुलेंस से शाम करीब 4.30 बजे पहुची। जिसमें डॉक्टरों की टीम भी मौजूद रही। जूनियर डॉक्टर मुरली को संजय गांधी अस्पताल से चोरहटा हवाई अड्डे तक ले जाने में ग्रीन कॉरीडोर बनाया गया था। हर चौराहे पर पुलिस बल मौजूद रहा। संजय गांधी अस्पताल से चोरहटा हवाई अड्डे तक मरीज को ले जाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाये जाने के सारे इंतजाम किये गए थे। प्रशासनिक टीम मौजूद रही। डॉक्टरों की देखरेख में मरीज को वेंटीलेटर के सहारे संजय गाधी अस्पताल से हवाई अड्डे तक ले जाया गया। एयर एम्बुलेंस में शिफ्ट भी किया गया। लेकिन तब तक हालत और भी ज्यादा बिगड़ गई। दिल्ली से आई डॉक्टरों की टीम ने भी मरीज की जान बचाने हर संभव प्रयास किये, लेकिन सफल नहीं हो पाये।
गुरूवार की शाम करीब छह बजे मरीज ने अंतिम संास ली। डॉक्टरों की मानें तो जूनियर डॉक्टर को सीवियर न्यूमोनिया था, फेफड़े काम करना बंद दिये थे। श्वांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। जांच के दौरान डायबिटीज भी हाई होना बताया गया। सामान्य से अधिक 9.5 प्रतिशत डायबिटीज थी। जिसके चलते शरीर के सारे अंग कोलैप्स हो गये। बताया गया है कि जूनियर डॉक्टर मुरली कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें बुखार आ रही थी, जिसे उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया। किसी मेडिसिन के डॉक्टर से उपचार भी नहीं लिए, खुद उपचार लेेते रहे। गर्दन में अचानक दर्द होने पर हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ जीतेश गावंडे द्वारा एमआरआई भी कराई गई।
लेकिन रिपोर्ट नार्मल आई। तीन दिन पहले उनकी हालत जब और भी गंभीर हो गई, श्वांस लेने में काफी दिक्कत होने लगी तब आनन-फानन में उन्हें अस्पताल के आईसीयू में एडमिट कर डॉक्टरों द्वारा उपचार शुरू कर दिया गया। लेकिन हालत सुधरने के बजाय और ज्यादा बिगड़ती चली गई। उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया। हालत में सुधार न होता समझ बेहतर उपचार मिले, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टरों से संपर्क साधा गया और मरीज को ले जाने के लिए एयर एम्बुलेंस बुलाई गई। एम्बुलेंस रीवा के चोरहटा हवाई अड्डे में शाम करीब 4.30 बजे पहुची जिसमेेंं डॉक्टरों की टीम भी आई हुई थी। मरीज को किसी कदर एयर एम्बुलेंस में शिफ्ट तो कर दिया गया लेकिन तब तक हालत और भी खराब हो गई। दिल्ली से आई डॉक्टरों की टीम भी मरीज की जान बचाने हर संभव प्रयास किये, लेकिन सफलता नहंी मिली।
चिकित्सा जगत में शोक की लहर
जूनियर डॉक्टर मुऱली के निधन पर पूर्व डीन डॉ मनोज इंदुलकर ने गहरा शोक जताया है। कहा कि वह एक होनहार जेआर थे। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में सेवायें दे रहे थे। कई दिनों से तबियत खराब थी। सीवियर न्यूमोनिया था। डाइबिटीज काफी ज्यादा बढ़ी हुई थी। अनकंट्रोल डायबिटीज और सीवियर न्यूमोनिया के चलते शरीर के सारे अंग कोलैप्स हो गये थे। इनके अलावा पूर्व डीन डॉ एपीएस गहरवार, वर्तमान डीन डॉ देवेश सारस्वत, संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक डाँॅ एसपी गर्ग,
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉ अक्षय श्रीवास्तव, सीएमओ डॉ अतुल सिंह, डॉ अतु़ल सिंह, डॉ अम्बरीश मिश्रा, डॉ व्हीडी त्रिपाठी, डॅा एसके त्रिपाठी, डॉ पुष्पेन्द्र शुक्ला आदि लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त की है।