रीवा। सरकारी अस्पतालों में सांप के काटने का इलाज नहीं है। सरकार ने गांव गांव तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए अस्पताल तो खुलवा दिए लेकिन दवाइयों का आभाव है। यही वजह है कि पीएससी में एंटी स्केन इंजेक्शन की व्यवस्था ही नहीं है। यह व्यवस्था सिर्फ सीएचसी स्तर पर ही की गई है। सांप काटने के बाद मरीज अस्पताल पहुंचने के बाद भी दम तोड़ रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला गंगेव का सामने आया है। सर नंबर 1 निवासी सविता सिंह को सांप ने काट लिया। इसकी जानकारी परिजनों को हुर्ठ तो वह सरिता सिंह को लेकर सीधे अस्पताल भागे। गंगेव स्थित पीएससी में भर्ती कराया। डॉक्टरों को जानकारी दी गई कि इन्हें सांप ने काट लिया है। डॉक्टरों ने इलाज तो शुरू किया लेकिन एंटी स्केन इंजेक्शन न होने के करण पीडि़त की मौत हो गई। स्टाफ ने बताया कि अस्पताल में एंटी स्केन इंजेक्शन ही नहीं है। बारिश में सांप के काटने के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में इंजेक्शन की व्यवस्था सीएचपी के अलावा पीएचसी स्तर पर भरी करना चाहिए हालांकि ऐसा नहीं किया गया है। यही वजह है कि अस्पताल पहुंचने के बाद भी मरीज की जाचं डॉक्टर नहीं बचा पाए।
सिर्फ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में है इंजेक्शन
सांप काटने से बचाने वाला इंजेक्शन मरीजों को सिर्फ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ही मिल पाएगा। पीएचसी स्तर पर इसी उपलब्धता ही सुनिश्चित नहीं की गई है। स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही से हर दिन कई लोग अपनी जान गवां देते हैं। अस्पताल तक पहुंचने में ही देरी हो जाती है। सामुदायित स्वास्थ्य केन्द्र गांव और कस्बों से दूर रहते हैं। ऐसे में वहां तक पहुंचने में ही वक्त लग जाता है। तब तक सांप काटने से पीडि़त व्यक्ति की जान तक चली जाती है।
वर्सन…
बारिश आने के साथ ही सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एंटी स्केन इंजेक्शन उपलब्ध करा दिया गया था। इंजेक्शन सिर्फ सीएचसी स्तर पर ही मिलेगा। बारिश में सांप काटने के मामले बढ़ जाते हैं, इसलिए पहले ही व्यवस्था करा ली गई थी।
डॉ एनएन मिश्रा
सीएमएचओ, रीवा