रीवा। गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम अमिलकी की शासकीय हाई स्कूल से रातोरांत मलबा गायब हो गया। ग्रामीणों को जब इस बात की जानकारी हुई कि प्राचार्य ने पत्र में यह लिखा है कि ग्रामीण यह मलबा ले जा रहे हैं तो उनका आक्रोश भड़क उठा और वह स्कूल पहुंच गए। ग्रामीणों ने इस बात का जमकर विरोध किया हंगामा करने लगे, हालांकि बाद में बातचीत के बाद मामले में पूर्व सरपंच का नाम सामने आया। हालांकि मामले को लेकर किसी प्रकार की कोई रिपोर्ट नहीं दर्ज है। जानकारी के मुताबिक स्कूल का भवन का कुछ हिस्सा अधिक जर्जर हो जाने से वह गिर गया था, जर्जर भवन के गिरने के बाद से इसका मलबा धीरे-धीरे चोरी होने लगा, इसकी सूचना प्राचार्य कल्पना श्रीवास्तव ने जिला शिक्षा अधिकारी को दी और उसमें लिखा कि ग्रामीण धीरे-धीरे जर्जर भवन का मलबा ले जा रहे हैं कि इसके लिए उचित कार्यवाही करने मार्गदर्शन दिया जाए।
जब इस बात की जानकारी ग्रामीणों को हई तो वह शनिवार को स्कूल पहुंच गए और इस बात का विरोध किया। बता दें कि जब मलबा चोरी के मामले पर ग्रामीणों ने विरोध किया तो पूर्व सरपंच तेजभान पटेल भी मौके पर पहुंच गए, इस दौरान इस बात की जानकारी ग्रामीणों को हुई कि पूर्व सरपंच द्वारा ही मलबा बिना किसी सक्षम स्वीकृति के स्कूल परिसर से उठाया गया है और इसका उपयोग नवीन पंचायत भवन सहित अन्य कार्य के लिए किया गया है। जब यह बात पूर्व सरपंच ने स्वीकारी और इसके बदले राशि देने की बात कही तो इसका वीडियो ग्रामीणों ने बना लिया और इसे शोसल मीडिया में वॉयरल कर दिया गया।
वीडियों में सरपंच पंचायत द्वारा मलबे का पैसा देने की बात कर रहे हैं। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि बिना सक्षम स्वीकृति के पूर्व सरपंच तेजभान पटेल ने मलबा उठाया और प्राचार्य ने पत्र में ग्रामीणों की बात कही है, इससे साफ है कि यह कार्य प्राचार्य व सरपंच द्वारा साठगांठ कर किया गया है। स्कूल प्राचार्य की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया जा रहा है। बड़ा सवाल यह है कि जब मलबा चोरी हुआ तो उसकी शिकायत पुलिस थाने में क्यों नहीं दी गई? और स्कूल के मलबा सुरक्षा के लिए चौकीदार क्यों नहीं रखे गए। मामले की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में की गई है।
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