रीवा। 25 अप्रैल को पूरा देश विश्व मलेरिया दिवस मनाता है, यानि गुरुवार को जिले में भी मलेरिया दिवस मनाया जाएगा। इसके तहत विभिन्न आयोजन बीते सप्ताह भर से हो रहे हैं। वहीं मलेरिया की बात करें तो रीवा जिला फिलहाल सुरक्षित है। राहत की बात है कि पिछले सात सालों में जिले में मलेरिया से एक भी मौत नहीं हुई है। इस वर्ष तो मलेरिया के मरीजों की संख्या भी काफी कम रही। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े कह रहे हैं कि जिले में 2015 से लेकर दिसंबर 2023 तक करीब 5892 लोग मलेरिया की चपेट में आए हैं, जिसमें अधिकतर पीड़ित ग्रामीण अंचल के हैं। वर्ष 2022 में 66 लोग मलेरिया की चपेट में आए, सभी ठीक भी हो गए। पिछले वर्ष 2023 में 45 केस मलेरिया के मिले थे। 9 वर्ष पूर्व की बात की जाए तो ये केस 10-15 प्रतिशत के करीब हैं। इसे स्वास्थ्य विभाग की उपलब्धि माना जा सकता है। वर्ष 2015 के पहले हालात काफी चिंताजनक थे, लेकिन लगातार चल रहे जागरुकता अभियानों के चलते पिछले 9 वर्षों में मलेरिया के मरीजों का ग्राफ गिरा है। हर वर्ष मरीजों की संख्या घटती ही गई है।
मलेरिया मुक्त रीवा बनाने का संकल्प
सीएमएचओ डॉ. संजीव शुक्ला का कहना है कि रीवा को पूरी तरह मलेरिया मुक्त बनाने में जुटे हुए हैं। लोगों में जागरुकता आई है जिसके चलते मलेरिया के केस घटे हैं। इस वर्ष इस अभियान पर और ज्यादा जोर दिया जाएगा, ताकि मरीजों की संख्या पिछले वर्ष से भी कम हो सके। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ.स्मृता नामदेव का कहना है कि पिछले 9 वर्षों से लगातार मलेरिया मरीजों की संख्या कम होना ही प्रमाणित कर रहा है कि इस क्षेत्र में काफी नियंत्रण विभाग द्वारा लिया गया है। इस वर्ष भी जिले को मलेरिया मुक्त बनाने अभियान को चलाया जाएगा।
पीएफ मलेरिया के केस घटे
इंसानों में मलेरिया दो तरह के पैरासाइट्स पर जीबीओ की वजह से होता है। प्लाज्मोडियम पायल की पैरम और प्लाज्मोडियम विवरेक्स यही दोनों को शॉर्ट फॉर्म में बीएफ और पीवी कहते हैं। प्लाज्मोडियम सबसे खतरनाक किस्म का मलेरिया होता है, जिसकी वजह से सेरेब्रल मलेरिया भी हो जाता है। हालांकि पिछले वर्षों से पीएफ मलेरिया के केसों में कमी आई है। पिछले वर्ष तो केस न के बराबर ही मिले, ऐसा स्वास्थ्य विभाग का दावा है।
मलेरिया के लक्षण
▶तेज बुखार कंपकंपी पसीना आना सिरदर्द
– शरीर में दर्द जी मचलना और उल्टी होना
• कभी-कभी इसके लक्षण हर 48 से 72 घंटे में दोबारा दिखाई देते हैं
ऐसे करें रोकथाम
मच्छरदानी लगाकर सोएं, ध्यान रखें कि आसपास सफाई हो, आमतौर पर मलेरिया का मच्छर शाम को ही काटता है, मच्छर मारने वाली दवा छिड़कें, – मोस्कीटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें. पूरी बाजू के कपड़े पहनें, पुराने बर्तनों में पानी जमा न होने दें।
पिठले वषों से मलेरिया के मरीजों में कमी आई है। लोग जागरुक हुए हैं। साफ-सफाई का विशेष ध्यान व मच्छरदानी जैसे कई उपाय कर इससे बचा जा सकता है। इस वर्ष विशेष अभियान इसके लिए चलाया जाएगा।
डॉ. संजीव शुक्ला, सीएमएचओ रीवा
मलेरिया दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मलेरिया के मरीजों में पिछले वर्षों में कमी आई है। मलेरिया मुक्त रीवा का संकल्प है, जल्द ही जिला मलेरिया मुक्त होगा।
डॉ. स्मृता नामदेव, जिला मलेरिया अधिकारी रीवा