रीवा। शराब दुकानों को ठेकेदार नहीं मिल रहे थे। लिहाजा सरकार ने दम कम करना शुरू कर दिया है। चुनाव आचार संङ्क्षहता के पूर्व 8 प्रतिशत दाम कम किया था अब 5 प्रतिशत और दाम कम कर दिया है। यानी की शासन द्वारा जो प्राइज मनी रखी गई थी उसमें अब 13 प्रतिशत की कटौती की दी गई है। आचार संहिता के बाद मिली अनुमति के बाद पिछले दो दिनों में दो दुकान समूहों की नीलामी हो चुकी है। इस तरह अब 27 में से 10 दुकान समूहों की नीलामी हो गई अब शहर महंगी शराब दुकानों सहित 17 दुकान समूहों की नीलामी होना शेष है। शासन के नए निर्देशों के तहत अब प्रतिदिन चार बजे टेंडर खुलेगा। यह प्रक्रिया लगतार जारी रहेगी।
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ज्ञात हो कि रीवा जिला में इस मर्तबा शराब दुकानों के लिए ठेकेदार ही नहीं मिल रहे हैं। वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक मूल्य में शासन ने 15 फीसदी की वृद्धि कर दी थी। यही वजह है कि ठेकेदार शराब दुकान लेने सामने नहीं आए। नवीनीकरण और लॉटरी में ठेकेदारों ने हाथ खड़े कर दिए। ऐसे में जिला आबकारी विभाग को ई-टेंडर प्रक्रिया अपनानी पड़ी। पहले चरण में तो एक भी ठेकेदारों ने टेंडर नहीं डाला था। दूसरे में 23 टेंडर पड़े और 7 समूह उठ गईं। तीसरे चरण के तहत शुक्रवार को ई-टेंडर खोला गया। इसमें सिर्फ एक टेंडर डाला गया था, वह भी वार्षिक मूल्य से 5 फीसदी कम पर। इस दर को जिला समिति ने स्वीकार कर लिया था। अगला ई-टेंडर 19 मार्च को खोला जाना था लेकिन लोकसभा चुनाव आचा संहिता लागू हो गई और टेंडर प्रक्रिया मेंं विराम लग गया। विभाग द्वारा चुनाव आयोग को पत्र लिखा गया जिस पर फिर से प्रक्रिया शुरू की गई। पिछले दिनों टेंडर खोला गया जिसमें सेमरिया समूह की दुकानों का टेंडर हुआ। गुरुवार को फिर टेंडर खोला गया जिसमें नईगढ़ी समूहों के मदिरा दुकानों की नीलामी हो गई। अब शेष दुकानों के लिए प्रतिदिन टेंडर खोला जायेगा।
वहीं बताया गया कि शुक्रवार को रीवा जिला आबकारी कार्यालय में तीन शराब दुकानों के टेंडर पड़े। सूत्रों की माने तो जिसमे मऊगंज में सोम कंपनी, समान नाका में सुनील सिंह और बैकुंठपुर में लक्ष्मी जयसवाल के टेंडर पड़े हैं। तीनों दुकानों के लिए एक-एक मात्र टेंडर ही पड़े हैं जिससे इन्हे दुकानें मिलने की उम्मीद है।
अब 13 फीसदी बिलो डाल सकेंगे रेट
शासन ने आबकारी ठेकेदारों को राहत देना शुरू कर दिया है। शराब दुकानों का टेंडर नहीं हो पा रहा है। यह देखकर सरकार ने थोड़ी-थोड़ी राहत देनी शुरू कर दी है। 15 मार्च को खोले गए टेंडर में 5 फीसदी बिलो तक दर स्वीकार कर लिया गया। अब अगले टेंडर में निर्धारित वार्षिक मूल्य से 8 फीसदी तक दर घटाई। लेकिन अब पांच प्रतिशत अैर कम कर दिया है। इस तरह अब 13 फीसदी बिलो तक ठेकेदार रेट डाल सकेंगे।
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