रीवा। नगर पालिक निगम महापौर अजय मिश्रा बाबा व उनकी एमआईसी द्वारा नगर निगम की वित्तीय स्थिति में सुधार लाने बड़ा निर्णय लिया गया है। महापौर व उनकी एमआईसी ने नगर निगम के व्यवसायिक कॉम्पलेक्सों की छतों को एक बार फिर विक्रय करने का निर्णय लिया है। इससे निगम को करोड़ों को आय होगी और इसी राशि से शहर के लोगो को मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाएगी। प्रथम चरण में शिल्पी कुंज के व्यवसायिक कॉम्पलेक्स की छत को बेचने का निर्णय लिया गया है। इसको लेकर महापौर और एमआईसी ने सक्षम स्वीकृति दे दी है। अब प्रस्ताव परिषद् में स्वीकृत हो गया है। एमआईसी व परिषद के इस निर्णय से निगम की राजस्व की आय तो होगी ही इसके अलावा यहां चनने वाले व्यवसायिक कॉम्पलेक्स से कई लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
2.89 करोड़ रेट किया तय
बता दें कि फिलहाल जो प्रस्ताव नगर निगम ने तैयार किया हैं, उसमें इस छत को 30 वर्षों तक लीज में देने के लिए 2.89 करोड़ रुपए राशि का निर्धारणकिया गया है। इसमें निगम द्वारा 1070 वर्गमीटर एरिया की छत दी जाएगी। यह राशि कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार तय दर से निकाली गई है। इसमें सुपरविजन चार्ज के साथ-साथ 10 प्रतिशत का प्रॉफिट भी जुड़ा हुआ है। हालांकि इस छत पर निर्माण होने के बाद जो छत होगी वह निगम के अधीन ही होगी, जिसे निगम जब चाहे फिर से विक्रय कर सकता है।
2005 में हुआ था निर्माण
जानकारी के मुताबिक शिल्पी कुंज के इस व्यवसायिक कॉम्पलेक्स का निर्माण वर्ष 2003 में शुरू हुआ था, इसी वर्ष निगम द्वारा गंगोत्री कॉलोनी की यह भूमि लीज पर शिल्पी कांस्ट्रक्शन कंपनी को दी गई थी। उन्होंने इस बिल्डिंग का निर्माण वर्ष 2005 में पूरा किया था। इस चिल्डिंग को बने करीब 19 वर्ष बीतने को है। हालांकि निगम प्रशासन द्वारा इस बिल्डिंग का परीक्षण शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज की टीम द्वारा किया गया है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार इस बिल्डिंग के छत पर अभी निर्माण किया जा सकता है।
अन्य छतों के विक्रय की तैयारी
बता दें कि नगर निगम के पास इस प्रकार की कई अन्यप्रॉपर्टी हैं, इसके पहले नगर निगम द्वारा नगर निगम के पीछे सूर्या होटल वाली छत व पुराना बस स्टैंड की छत का विक्रय किया था लेकिन बीते वर्षों में निगम ने इस प्रकार की स्ववित्तीय योजनाएं ही तैयार की लेकिन कभी अमल नहीं किया। महापौर अजय मिश्रा बाबा ने पहले ही इस प्रकार की योजनाओं को लागू का आत्मनिर्भर नगर निगम बनाने की बात कही थी और उन्होंने इस पर अमल भी शुरू कर दिया है। शिल्पी कुंज के बाद अन्य बिल्डिंगों की जांच कराकर उनकी भी छतें बेचने की तैयारी की जा रही है।
नगर निगम में स्ववित्तीय योजना के कई प्रस्ताव तैयार कराए गए हैं. शिल्पी कुंज की छत को बेचा जा रहा है, जिससे निगम को आय होगी और यहां बनने वाले व्यवसायिक भवन से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेंगे। आत्मनिर्भर नगर निगम की ओर यह पहला बड़ा कदम है। आमजन के हित में कार्य किए जा रहे हैं।
अजय मिश्रा बाबा, महापौर ननि