रीवा। नागरिक आपूर्ति निगम रीवा कार्यालय में हुए मिलिंग व रैक मामले से जुड़े समस्त दस्तावेजों का पुलिंदा लेकर भोपाल का जांच दल मंगलवार को वापस हो गया है। भोपाल की चार सदस्यीय टीम दो दिन से रिकॉर्ड खंगाल रही थी। प्रथम दृष्टया करोड़ों की गड़बड़ी सामने आने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि शासन स्तर पर शिकायत की गई थी कि तत्कालीन जिला प्रबंधक नान रीवा व उनके अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा मिलिंग हेतु धान आवंटन, सीएमआर चावल, फर्जी एफडीआर व रैक परिवहन में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की गई है।
शिकायत पर तो जिला प्रबंधक देवेंद्र तिवारी को रीवा से भोपाल अटैच किया गया, इसके बाद उन्हें उनके मूल पद में वापस करने की कार्यवाही की गई। अब तत्समय में हुई गड़बडिय़ों की जांच हेतु चार सदस्यीय टीम रीवा भेजी गयी। टीम सोमवार को रीवा पहुंची और दूसरे दिन भी शिकायत से जुड़े बिंदुओं के रिकॉर्ड जुटाने उनकी ठान बीन की। दूसरे दिन भी जांच दल रिकार्डों को खंगालने में जुटा रहा। सूत्रों की मानें तो मिलिंग प्रभारी प्रशांत पाठक व विवेक सिंह द्वारा व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की गई है।
जांच टीम ने सारे दस्तावेज की एक प्रति अपने हाथ ले ली है। जांच टीम सारे दस्तावेजों की जांच के उपरांत एसीएस खाद्य , नागरिक आपूर्ति निगम को रिपोर्ट सौंपेंगे। इसके बाद जिम्मेदारों की खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जायेगी। चर्चा है रैक परिवहन मामले में बड़ी गड़बड़ी की गई है। इस मामले में विभागीय अधिकारियों के साथ ही कई मिलरों की भी गर्दन फंस सकती है। मामला सामने आया तो यह परिवहन घोटाले से भी बड़ा होगा। हालांकि कई लोग जुगाड़ में जुटे हैं। टीम ने बंद कमरे में जांच की, इसलिए परदर्शिता पर आशंकाएं भी जाहिर की जा रही हैं।