रीवा। राजतंत्र व्यवस्था के समय प्रजा से करो की वसूली करने वालो के वसंज ही आज लोकतंत्र व्यवस्था में बड़े बकायादारों की सूची में शामिल हो गए हैं। जिनके द्वारा खुद करो की वसूली की जाती थी अब उनके वसंज ही कर देने से पीछे हट रहे हैं। हद तो तब हो गई जब लोकतंत्र की इस व्यवस्था ने राजतंत्र के जिम्मेदारों के वसंजों का नाम सार्वजनिक सूची में चस्पा कर दिया। सार्वजनिक सूची में रीवा महाराजाओं के वसंज का नाम होने से सब हैरान हैं। कई संपत्तियों के मालिक महाराजा के वसंज ने निगम का टैक्स ही नहीं जमा कराया है।
बता दें कि महाराजा पुष्पराज सिंह की शहरी क्षेत्र में कई संपत्तियां है, जिनके बदले उनको निगम को टैक्स का भुगतान करना पड़ता है लेकिन उनके द्वारा इसका भुगतान समय पर नहीं किया गया और वह बड़े बकायादारों की लिस्ट में शामिल हो गए। महाराजा पुष्पराज सिंह पर अकेले वार्ड क्रमांक 17 की प्रापर्टी में 97130 रुपए संपत्तिकर बकाया है। कहने को तो यह एक छोटी रकम महाराजा के लिए है लेकिन इसका भी भुगतान वह अब तक नहीं कर पाए हैं। वार्ड के बड़े बकायादारों की सूची में सबसे बड़े बकायादार महाराजा पुष्पराज सिंह की हैं।
वहीं सूत्र बताते हैं कि शहर की अन्य प्रापर्टियों का टैक्स भी उनके द्वारा नहीं दिया गया है। बता दें कि यह टैक्स कई दिनों से बकाया है, जब उनके द्वारा जमा नहीं किया गया तो निगमायुक्त संस्कृति जैन ने शहर में लगाई गई बड़े बकायादारों की सूची में महाराजा पुष्पराज सिंह का नाम चस्पा करा दिया। सूत्र बताते हैं कि हालांकि स्थानीय अधिकारी इस बात से सहमत नहीं थे लेकिन वह भी आदेश के आगे दबे हुए थे और उनको नाम सार्वजनिक करना पड़ा।
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