The corporation staff who went to remove the encroachment were abused and abused, Sarhango insisted:रीवा। शासकीय सड़कों पर अवैध कब्जा कर उनमें निर्माण करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, सरहंगो के हौसले अब इतने बुलंद हो गए हैं कि उनके द्वारा अतिक्रमण तो किया ही जा रहा है, साथ ही इसको हटाने की कार्यवाही करने जाने वाले निगम अधिकारियो के साथ गाली-गलौच और जान से मारने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसी ही एक मामला प्रकाश में आया है। वार्ड क्रमांक 5 में मिसहिल पब्लिक स्कूल देवधाम ढेकहा में सड़क निर्माण के दौरान सरहंगो ने विवाद किया और काम कर हे ठेकेदार को काम करने से रोक दिया। इतना ही नहीं जब ठेकेदार की सूचना पर निगम अधिकारी-कर्मचारी पहुंचे तो सभी के साथ गाली-गलौच कर वापस भगा दिया। मामले की शिकायत सिविल लाइन थाना में की गई है। हालांकि पुलिस मामले में गंभीरता नहीं दिखा रही है जिससे निर्माण कार्य अभी भी रूका हुआ है।
क्या है मामला…
नगर निगम से थाने में गए पत्र में बताया गया है कि बीते दिवस आरसीसी सड़क का निर्माण कार्य संविदाकार अनुराग तिवारी एवं चनके स्टॉफ श्रमिकों द्वारा मिसहिल पब्लिक स्कूल के पास ढेकहा में किया जा रहा था। इसी मार्ग में अनुपम तिवारी उर्फ सोनू पिता अरूण तिवारी उम्र 36 वर्ष का मकान बना हुआ है। जिसके द्वारा सड़क पर अतिक्रमण कर अवैध निर्माण किया गया है। जब इस निर्माण को तोडऩे के लिए संविदाकार को कहा गया तो उसनके द्वारा संविदाकार सहित कर्मचारियों से गाली-गलौच की गई। संविदाकार ने सूचना निगम अधिकारियों को दी तो जब मौके जोनल अधिकारी सहित वार्ड के प्रभारी सहायक यंत्री एवं उपयंत्री पहुंचे।
जहां अनुपन तिवारी उर्फ सोनू पित्ता अरूण तिवारी एवं उनके चार सरहंग साथियों के द्वारा सड़क निर्माण को निर्धारित ड्राईग, डिजाईन से हटकर बनवाया जा रहा और निर्माणाधीन रोड पर अपने घर के सामने स्लोप के रूप में रैम्प बनाकर सड़क पर अतिक्रमण किया जा रहा था। जिसे हटाने हेतु संविदाकार को निर्देशित किया गया संविदाकार का स्टॉफ भूपेन्द्र कुशवाहा, अरुण कोल, गोपाल कोल एवं अन्य सहयोगी द्वारा उक्त किये गये सड़क पर अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही की जा रही थी तभी अनुपम तिवारी एवं उनके सरहंग चार साथियों के साथ निगम स्टॉफ एवं संविदाकार के स्टॉफ के साथ गाली-गलौज करते हुये हाकी डंडे से मारपीट तथा बन्दूक कट्टे निकालकर जान से मारने का प्रयास करने लगे और काम रोक दिया। संबंधितों पर कार्यवाही के लिए थाना प्रभारी को पत्र लिखा गया है।
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नहीं मिलती सुरक्षा
नगर निगम अमले के साथ इस प्रकार की घटना कोई पहली बार नहीं है, इसके पहले भी कई दफा निगम अमले के साथ मारपीट हो चुकी है, गाली-गलौच और धमकाने के मामले तो लगातार प्रयास में आते ही रहते हैं लेकिन इसके बाद भी निगम अधिकारी-कर्मचारियों को किसी प्रकार की सुरक्षा नहीं दी जाती। कॉलेज चौराहा में अतिक्रमण हटाने के दौरान भी कुछ सरहंग धौंस दिखाते दिखे थे। पूर्व पार्षद रामप्रकाश तिवारी डैडू ने परिषद् में नगर निगम में महानगर की तर्ज में एक अलग थाना बनाए जाने की मांग की थी, जिसमें एक-चार की सुरक्षा के लिए मांग की थी।
उस समय इस मांग पर विचार किया गया और पत्राचार भी संबंधित विभाग को किए गए लेकिन फिर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। बता दें कि किसी भी कार्यवाही के लिए निगम को कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है। पुलिस बल की मांग की जाती है और जब समय मिलता है तब कार्यवाही होती है। निगम में अलग थाना बन जाए तो निगम को कार्यवाही में आसानी होगी।
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सिविल लाइन थाना को पत्र लिखा गया है, निर्माण कार्य को रोक कर सरहंगो द्वारा गाली-गलौच कर्मचारियों सहित ठेकेदार व उसके कर्मचारियों से किया गया। कार्य में व्यवधान उनके द्वारा खड़ा किया जा रहा है।
एचके त्रिपाठी, कार्यपालन यंत्री नगर निगम रीवा।
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