Talking about themselves, these women colonizers revealed two more names! FIR will be filed against these also:रीवा। नगर निगम प्रशासन द्वारा अवैध कॉलोनियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में एक के बाद एक बड़ी कार्यवाही कर रहा है। अब तक निगम प्रशासन द्वारा भूमि स्वामी के साथ-साथ उसकी भूमि बेचने वाले एग्रीमेंट कर्ता(प्रतिनिधि) को खोजना पड़ता था लेकिन अब खुद भूमि स्वामी कार्यवाही से बचने उनके नामों का खुलासा करने लगे हैं। हालांकि नियमों के बदलाव के बाद अब किसी को कोई राहत मिलना मुश्किल है।
निगम अधिकारियों की मानें तो भूमि स्वामी के साथ-साथ उनके एग्रीमेंट कर्ता व प्लॉटों का विक्रय कराने वाले ब्रोकर जिनके माध्यम से वहां लोगों ने प्लॉट लिया है उन पर भी एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। हाल ही में नगर निगम द्वारा वार्ड क्रमांक 44 में कान्हा पब्लिक स्कूल के सामने बसाई जा रही अवैध कॉलोनी के लिए कॉलोनाइजर प्रभा मिश्रा पति मंगल प्रसाद मिश्रा व शशिकला मिश्रा पति वसंत मिश्रा को नोटिस जारी किया गया था, इनके द्वारा खसरा क्रमांक 273/1/2 व 273/1/4 में अवैध कॉलोनी बसाई जा रही है। उन्होंने अपने जबाव में खुद को बचाते हुए जबाव में कहा कि बीते 10 मई 2022 को उनके द्वारा दिनेश कुमार मिश्रा पिता रामनरेश मिश्रा निवासी जनता कॉलेज गेट के समीप व ज्ञानचंद्र अग्रिहोत्री पिता स्नेह अग्रिहोत्री निवासी पडऱा तहसील रायपुर कर्चु. को भूमि विक्रय की गई थी। उनके द्वारा प्लॉटों का विक्रय किया गया है। उन्हेंं इसके संबंध में कोई जानकारी नहीं है और सभी दायित्व एग्रीमेंट कर्ता के हैं।
एग्रीमेंट कर्ता ने की धोखाधड़ी
सूत्रों की मानें तो दिए गए जवाब में दोनों कॉलोनाइजर ने कहा कि जब अनुबंध हुआ था तो दोनों एग्रीमेंट कर्ता ने कहा था कि वह नियमों का पालन करते हुए कॉलोनी बनाएंगे लेकिन उनके द्वारा उन्हें धोखे में रखा गया। वह पहले भी भूमि विक्रय के कार्य कर चुके हैं इसलिए उन पर विश्वास कर लिया गया लेकिन उनके द्वारा धोखे में रखते हुए भूमि का बिना निगम की अनुमति ही विक्रय कर कॉलोनी बसा दी गई। यदि उनके द्वारा जाने अनजाने में कोई त्रुटि की गई है तो वह सद्भावनापूर्ण व क्षम्य योग्य है।
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दर्ज होगी एफआईआर
बताया गया कि निगम को दिए गए जबाव में खुद कॉलोनाइजरों द्वारा अपनी गलती को स्वीकार किया गया है, इसलिए अब उन पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। वहीं जिन दो नए प्रतिनिधियों का खुलासा किया गया है, उन पर भी एफआईआर दर्ज कराई जाएगी और आगे की कार्यवाही होगी। इतना ही नहीं, निगम द्वारा पार्क के लिए जो भूमि नहीं छोड़ी गई है उसके लिए भी कुल भूमि का 10 प्रतिशत हिस्सा यदि रिक्त है तो आरक्षित किया जाएगा और यदि नहीं है तो कलेक्टर रेट से जुर्माना वसूला जाएगा। बता दें कि पूर्व में निगम प्रशासन द्वारा कई कॉलोनियों में कार्यवाही की जा चुकी है, जिससे कॉलोनाइजरों में हडक़ंप मचा हुआ है।
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शासन के नियमानुसार भूमि स्वामी सहित एग्रीमेंट कर्ता व अन्य पर भी एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। सभी अवैध कॉलोनी का निर्माण करने के लिए दोषी हैं। कार्यवाही जारी है।
एचके त्रिपाठी, कार्यपालन यंत्री नगर निगम।
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