सीधी. जिले के पत्रकारों ने पुलिस अधीक्षक डॉ. रवीन्द्र वर्मा को मांगों का ज्ञापन सौंपकर पत्रकारों के विरुद्ध फर्जी पुलिस प्रकरण दर्ज करने पर रोक लगाने की मांग की। जिले के पत्रकारों ने पुलिस अधीक्षक को बताया कि इस समय सत्ता पक्ष के नेता खबर प्रकाशित करनें पर पत्रकारों के विरुद्ध फर्जी मुकदमा लगवाने की धमकी दे रहे हैं। जिसके कारण पत्रकारों में भय का माहौल है और स्थानीय पत्रकार डर कर पत्रकारिता कर रहे हैं। जिस पर पुलिस अधीक्षक डॉ. रवीन्द्र वर्मा ने कहा कि जिले के वरिष्ट पत्रकारों एवं पुलिस अधिकारियों की एक टीम बनाएंगे। जिससे पत्रकारों से जुड़े मामले की कमेटी जांच करेगी और किसी भी पत्रकार के साथ कोई अन्याय न हो सके। पुलिस अधीक्षक को बताया गया कि पत्रकार अमित मिश्रा मड़वास के विरुद्ध पुलिस चौकी मड़वास में दिनांक 11 अप्रैल 2023 को फर्जी तौर पर पुलिस प्रकरण दर्ज कर दिया गया। जबकि अमित मिश्रा उस दिनांक एवं समय को परसिली रिसार्ट मझौली में एक सार्वजनिक आयोजन में उपस्थित थे। जहां मझौली थाने का पुलिस स्टॉफ सहित जिला एवं तहसील के दर्जनों पत्रकार भी उपस्थित थे।
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जिसके फोटोग्राफ एवं वीडियो उपलब्ध हैं। उक्त फर्जी प्रकरण में जांच कराकर जल्द खात्मा लगाया जाए। इसी तरह जिल के वरिष्ट पत्रकार अखिलेश पाण्डेय को धारा 41 की नोटिस में फर्जी हस्ताक्षर करने वाले पूर्व एसडीओपी चुरहट चंद्रगुप्त द्विवेदी के विरुद्ध विगत तीन माहों से अजाक सीधी डीएसपी जांच कर रहे हैं और दोषी को बचाने में लगे हैं। जिसकी शीघ्र जांच कराकर दोषी पूर्व एसडीओपी चुरहट चंद्रगुप्त द्विवेदी के विरुद्ध पुलिस प्रकरण दर्ज कराया जाए। इस दौरान पत्रकारों ने मांग किया कि एक सप्ताह के भीतर पुलिस द्वारा की गई कार्यवाई से संगठन को अवगत कराया जाए। अन्यथा संगठन को पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन आंदोलन करनें के लिए बाध्य होना पड़ेगा। पुलिस अधीक्षक डॉ. वर्मा ने पत्रकारों की समस्याओं एवं मांगों को गंभीरता से सुना एवं उस पर सार्थक कार्यवाई करने के लिए आश्वस्त किया। इस दौरान संगठन के प्रदेश संयुक्त सचिव नरेन्द्र तिवारी, संभागीय अध्यक्ष अखिलेश पाण्डेय, स्तुति मिश्रा, आदित्य सिंह संभागीय महासचिव, जिलाध्यक्ष हरीश मिश्रा, कार्यकारी अध्यक्ष सूरज शुक्ला, अमित पाण्डेय, जिला महासचिव हरीश द्विवेदी, अजय मिश्रा, बृजेश पाण्डेय, सुखनिधान द्विवेदी, राजकुमार जायसवाल, आदर्श गौतम, अजय पाण्डेय, रविन्द्र पाण्डेय, जीतेन्द्र सिंह, राजेश सिंह, अरविंद सिंह परिहार अध्यक्ष मझौली, अभिलाष तिवारी जिला सचिव सीधी, राजेश सिंह गहरवार उपाध्यक्ष मझौली, रवि शुक्ला महासचिव मझौली, अमित मिश्रा कार्यकारी अध्यक्ष मझौली, पंकज सिंह सोनू कार्यालय सह सचिव, रामप्रकाश कुशवाहा सह सचिव आदि उपस्थित रहे।
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जिले में सत्ता पक्ष के कुछ राजनैतिक नेताओं के दबाव के चलते प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ माने जाने वाले पत्रकारों को सार्वजनिक हितों से जुड़े मामलों में अधिकारियों की ओर से जानकारी देने में परहेज किया जा रहा है। देखा यह जा रहा है कि कुछ विभागीय अधिकारी गिरगिट की तरह रंग बदल चुके हैं। उनके द्वारा मीडिया को जानकारी नहीं दी जाती। हाल ही में जिला स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आईजे गुप्ता द्वारा पत्रकारों को कार्यशाला आयोजन में आमंत्रित किया गया। जब उनसे विभाग से संबंधित सवाल किए गए तो उनके द्वारा साफ तौर पर जवाब देने से ही इंकार कर दिया गया। इसी तरह जिले में कुछ अन्य बड़े अधिकारी भी हैं जिनके द्वारा मीडिया को कोई जानकारी नहीं दी जाती। यहां तक कि दूरभाष पर संपर्क करनें पर उन्हें जब मालूम पड़ता है तो मीडियाकर्मी द्वारा विभाग से संबंधित कुछ जानकारी मांगी जा रही है तो तरह-तरह की बहानेबाजी शुरू कर दी जाती है। प्रजातंत्र में मीडिया की उपेक्षा करनें वाले अधिकारियों को निश्चित ही तानाशाह माना जा सकता है। विडंबना यह है कि इस संबंध में जिन अधिकारियों को आवश्यक पहल करनी चाहिए उनकी भूमिका भी संदिग्ध बनी हुई है। इन्हीं सब हालातों के चलते मीडियाकर्मियों को फर्जी प्रकरणों में फंसाने का खेल भी चल रहा है। जिससे मीडिया की आवाज को दबाया जा सके और मनमानी में उतारू अधिकारियों की कारगुजारियों पर पर्दा पड़ा रह सके।