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सीधी. जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ज्ञान सिंह के नेतृत्व पूर्व अध्यक्ष आनंद सिंह, रूद्र प्रताप सिंह बाबा, पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह भदौरिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एड. विनोद वर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती काजल वर्मा, नपा उपाध्यक्ष दान बहादुर सिंह, पार्षदगण विनोद मिश्रा, श्रीमती कुमुदिनी सिंह, श्रीमती कंचन मनोज सिंह, रमेश साकेत, श्रीमती मेनका प्रभात सिंह, ओंकार सिंह कर्चुली, रजनीश श्रीवास्तव, श्रीमती सोनम सोनी, श्रीमती सीमा सिंह, श्रीमती विभा सिंह, रत्नेश सोनी के साथ में नगर पालिका परिषद के जनप्रतिनिधियों का प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मिलकर मुख्य नगर पालिका अधिकारी मधुसूदन श्रीवास्तव द्वारा जनहित के कार्यों में रुकावट डालने पीआईसी के प्रस्तावों की मंजूरी ना करने उनको लिखित में संज्ञान में ना लेने एवं विकास के कार्यों में रुकावट बनने चुनी हुई परिषद की अवहेलना करने के संबंध में ज्ञापन सौंपकर उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की। सौंपे गये ज्ञापन में प्रमुख रूप से नगर पालिका अधिकारी मधुसूदन श्रीवास्तव द्वारा परिषद एवं पीएसी का प्रस्ताव नहीं लिखा जाता है। जिससे लंबे समय तक पीआईसी व परिषद के प्रस्ताव भी न लिखे जाने के कारण कार्य प्रभावित होता है। नगर मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा आकस्मिक एवं महत्वपूर्ण कार्यों के लिए पत्राचार किए जाने पर न तो निरीक्षण किया जाता है न ही कार्यवाही की जाती है। यहां तक कि अनुसूचित जाति जनजाति के बस्तियों के जीर्ण शीर्ण शौचालय के मरम्मत हेतु बार-बार पत्राचार किए जाने पर न तो निरीक्षण किया गया और न ही कोई कार्यवाही की जाती जिससे गरीबों को खुले में शौच जाना पड़ता है मधुसूदन श्रीवास्तव द्वारा तकनीकी अधिकारी को परिषद में स्वीकृत कार्यों के लिए कोई निर्देश नहीं दिया जाता। शहर में नल जल योजना व पार्क के रख-रखाव हेतु एवं कंप्यूटर ऑपरेटर की कमी होने पर पीएसी से पारित प्रस्ताव की अनदेखी की जा रही है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी मधुसूदन श्रीवास्तव माह में 10 दिवस बिना बताए अनुपस्थित रहते हैं व पूछे जाने पर कहते हैं कि मैंने कलेक्टर साहब से पूछ लिया है। इसी प्रकार चुनी हुई परिषद व अध्यक्ष की उपेक्षा की जाती है जबकि इसके पूर्व पदस्थ सीएमओ विधिवत आवेदन देकर अनुमति प्राप्त कर अवकाश पर जाते थे। शहर की स्वच्छता का कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पाता है। मुख्य नगरपालिका अधिकारी 10 बजे सुबह तक सोते रहते हैं। कभी भी सफाई का निरीक्षण नहीं करते और ना ही कोई निर्देश देते हैं। कचरा उठाव हेतु एवं विद्युत एवं पेयजल हेतु पीआईसी व परिषद से टैंकर व वाहन क्रय के प्रस्ताव काफी समय पूर्व पारित किए गए थे लेकिन मधुसूदन श्रीवास्तव द्वारा ऐसे प्रस्तावों को आज लिपिबद्ध नहीं कराया गया और न ही टैंकर वाहन खरीदी हेतु कोई कार्यवाही ं की गई। जिससे भीषण गर्मी में गरीब बस्तियों में पानी की सप्लाई भी प्रभावित हो रही है। नगर पालिका के वाहनों की मरम्मत कार्य नहीं कराया जाता एक वाहन जमोड़ी थाना के बगल में स्थित गैरेज में 8 माह से खड़ा है। जिसका भुगतान 17000 मात्र नहीं किए जाने के कारण वाहन वही खड़े-खड़े नष्ट हो रहा है। बार-बार परिषद द्वारा ध्यान आकर्षित कराए जाने पर भी कार्यवाही नहीं की गई। साथ ही वाहन मरम्मत करने वाले मिस्त्री और कर्मियों का भुगतान भी लंबित है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्रीवास्तव द्वारा लंबे समय तक फाइलों को अपने पास रखा जाता है फिर पूर्व की तिथि पर हस्ताक्षर किए जाते हैं। कायाकल्प अभियान की फाइल उनके द्वारा रोक कर रखी गई थी और फिर 25 अप्रैल को बैक डेट में 6 अप्रैल पर हस्ताक्षर कर अध्यक्ष के पास भेजा गया। जिससे अध्यक्ष द्वारा 25 अप्रैल की तिथि व समय डालकर हस्ताक्षर किया गया जो कि श्रीवास्तव की धोखाधड़ी का भी परिचायक है। कलेक्टर का ध्यान इस तरफ आकर्षित कराते हुए सभी नपा के जनप्रतिनिधियों ने आवश्यक कार्यवाही करने हेतु मांग की है। यदि मुख्य नगर पालिका अधिकारी चुनी हुई परिषद की अवहेलना करते रहेंगे तो कांग्रेस पार्टी जिला कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में नगर पालिका कार्यालय के सामने धरना देने के लिए मजबूर होंगे। जिसकी जवाबदारी प्रशासन की होगी। उक्त आशय की जानकारी जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता पंकज सिंह द्वारा दी गई।