जिले के जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के अंतर्गत ग्राम पंचायतों के द्वारा मुख्यमंत्री जन सेवा शिविर के नाम पर लाखों की राशि आहरण करनें का मामला प्रकाश में आया है। जिला प्रशासन की ओर से शिविर के आयोजन की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को सौंपी गई थी। ग्राम पंचायत के 15 वें वित्त के 5 प्रतिशत मद से आवश्यकतानुसार व्यवस्था हेतु थोडी-बहुत राशि आहरण करने के मौखिक आदेश दिए गए थे। किंतु ग्राम पंचायतों के द्वारा 15 वें वित्त से 70 से लेकर 1 लाख तक मुख्यमंत्री सेवा शिविर के नाम पर ट्रेडर्सों के खातों में भेंजकर टे्रडर्सों को प्रतिशत राशि देकर नकद भुगतान प्राप्त कर लिए हैं। उक्त शिविर में टेंट, कुर्सी, चाय, नास्ते की व्यवस्था की गई थी। यदि पंचायतों को टेंट और चाय नास्ते का भुगतान करना था तो संबंधित व्यापारी के खाते में राशि भेजे जाने का प्रावधान है। किंतु यहां सीमेंट, छड बेंचने वाले ट्रेडर्सोंे के खातों में टेंट एवं चाय-नास्ते के नाम से राशि भेज दी गई। ग्राम पंचायत के सचिव एवं रोजगार सहायकों के द्वारा फर्जी टे्रडर्स बनाकर उसमें राशि डालकर काफी दिनों से घोटाला किया जा रहा है। ग्रामीण जनों द्वारा इस बात की गई बार शिकायतें जनपद एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सीएम हेल्पलाईन में किए जाने के बाद भी आज दिनांक तक जिला प्रशासन के द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। पंचायत सरपंच-सचिवों के हौंसले इतने बुलंद हो गए हैं कि मुख्यमंत्री जन सेवा के नाम पर बिना किसी आदेश्-निर्देश के 15 वें वित्त मद से लाखों रुपए व्यय कर दिए। जबकि उक्त मद द्वारा टाइड व अनटाइड मद में ही राशि व्यय की जानी थी। यही नहीं दिसंबर माह में मुख्यमंत्री का सीधी आगमन मुख्यमंत्री जन सेवा योजना से स्वीकृत प्रकरणों को वितरण करनें के लिए कार्यक्रम में आए थे। उक्त कार्यक्रम में वाहन व्यवस्था के नाम पर पंचायतों के द्वारा 20 हजार से 50 हजार रुपए निकाल लिए गए हैं। पंचायतों द्वारा निकाली गई राशि का विवरण ई-ग्राम स्वराज पोर्टल में स्पष्ट देखा जा सकता है। ग्राम पंचायतों के द्वारा ई-भुगतान ग्राम स्वराज पोर्टल के माध्यम से किया जाता है। जिसमें संबंधित कार्य का नाम, भुगतान किए गए फर्म का नाम एवं रसीदें अपलोड होती हैं। इसके बावजूद भी जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत के द्वारा ई-ग्राम स्वराज पोर्टल में ग्राम पंचायतों द्वारा किए गए फर्जी भुगतानों पर किसी प्रकार से रोंक नहीं लगाई जाती और न ही फर्जी भुगतान करनें वाले पंचायतों पर कोई कार्यवाई की जाती।
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जनपद पंचायत रामपुर नैकिन में 15 वें वित्त मद से अन्य सामग्री भुगतान के नाम पर झोलाछाप ट्रेडर्सों को भुगतान किया जाता है और झोलाछाप ट्रेडर्सों को 5 प्रतिशत राशि कमीशन देकर शेष राशि सचिव द्वारा नकद प्राप्त कर ली जाती है। जनपद पंचायत रामपुर नैकिन में आधा सैकड़ा झोलाछाप ट्रेडर्स हैं जिनका कहीं रता-पता नहीं चलता। अधिकांश झोलाछाप ट्रेडर्स सचिवों व रोजगार सहायकों द्वारा जीएसटी नंबर लेकर संचालित किए जा रहे हैं। यह खेल कई वर्षों से चल रहा है। कई बार मीडिया एवं ग्रामीण जनों द्वारा शासन-प्रशासन के समक्ष मामला प्रकाश में लाया गया। किंतु झोलाछाप ट्रेडर्स के विरुद्ध कोई कार्यवाई नहीं की गई। इतना ही नहीं जो ट्रेडर्स सीमेंट एवं छड विक्री के लिए रजिस्टर्ड हैं उनको पंचायतों द्वारा टेंड, चाय, नास्ता, स्टेशनरी, कम्प्यूटर मरम्मत, मुरुम, गिट्टी, बालू के नाम पर भुगतान किया जा रहा है। बताया गया है कि ग्राम पंचायतों द्वारा 15 वें वित्त से नाली, पीसीसी सड़क, नाडेप, शोक पिट आदि का काम कराया जाता है। नाली एवं पीसीसी निर्माण में बालू, गिट्टी का उपयोग होता है। जिन ट्रेडर्सों के नाम गिट्टी, बालू का भुगतान पंचायतों द्वारा किया जाता है उनके पास खनिज भंडारण की अनुज्ञप्ति नहीं होती। खनिज भंडारण के अनुज्ञप्ति के बाद ही कोई टे्रडर्स गिट्टी, बालू क्रय कर सकता है। इसी तरह नाडेप व शोक पिट में ईंटा, बालू का उपयोग किया जाता है। जिन ट्रेडर्सों के खातों में पैसा डाला जाता है वह ईंटे का व्यापार नहीं करते। पंचायतों द्वारा स्थानीय स्तर पर ईंटा क्रय किया जाता है ङ्क्षकतु भुगतान टे्रेडर्सों के खातों में डाले जाते हैं। खनिज विभाग सीधी से मिली जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत रामपुर नैकिन में एक भी ट्रेडर्स के पास गिट्टी, बालू विक्री करनें की पात्रता नहीं है।
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मुख्यमंत्री जन सेवा शिविर की व्यवस्था की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंपी गई थी। किंतु व्यवस्था के नाम पर राशि व्यय करने के कोई निर्देश नहीं थे। यदि ऐसा किया गया है तो उसकी जांच कराकर संंबंधितों के खिलाफ विधि सम्मत कार्यवाई की जाएगी।
nसाकेत मालवीय
nCOLLECTER SIDHI