Sidhi.जिले में दोपहर करीब 2 बजे से मौसम का मिजाज अचानक बदलने से बारिश के साथ ओलावृष्टि का कहर शुरू हो गया। ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा प्रभावित चुरहट अंचल में ग्राम कपुरी, पचोखर, पडख़ुरी आदि हैं। यहां बेर से बड़े आकार के ओलो के गिरने से फसलें बर्बाद हो गई। वहीं जिला मुख्यालय सीधी समेत आसपास के आधा दर्जन गांवों में चने के आकार के ओले गिरे। जिला मुख्यालय के आसपास के गांवों में ओलावृष्टि से फसलों की नुकसानी की जानकारी मिलने पर सीधी विधायक पंडि़त केदारनाथ शुक्ला ने राजधानी भोपाल से ओलावृष्टि के संबंध में पूरी जानकारी ली एवं प्रभावित किसानों को मदद करनें का आश्वासन दिया है। बताते चलें कि हाल ही में ओलावृष्टि से फसलों को हुई क्षति का सर्वे सीधी जिले में चल ही रहा था कि आज दोपहर एक बार फिर से अचानक मौसम के बदले मिजाज के चलते बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। ओलावृष्टि से सीधी शहर एवं समीपी गांवों के साथ ही चुरहट, कुबरी, सेमरिया, बढ़ौरा और आसपास के क्षेत्रों में ओलावृष्टि की खबरें मिली हैं।
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हमारे सेमरिया संवाददाता के अनुसार बेमौसम बारिश के साथ ओलावृष्टि से किसानों की खेतों में खड़ी फसलों के साथ ही हरी सब्जियों, महुआ, आम को भारी क्षति हुई है। दोपहर ढ़ाई करीब बजे से क्षेत्र में चने के आकार के ओले करीब 5 मिनट तक बारिश के साथ गिरे। सेमरिया क्षेत्र सहित कुबरी एवं आसपास के गांवों में झमाझम बारिश के साथ ओलावृष्टि से किसान हुई भारी क्षति से मायूस दिखे। किसानों की माने तो बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से अरहर, सरसो, मसूर, अलसी, चना, गेंहूं, हरी सब्जियों, महुआ एवं आम को भारी क्षति हुई है। उधर चुरहट अंचल के कपुरी निवासी सूर्यपाल सिंह राजन ने बताया कि आज दोपहर 2:05 बजे से बारिश शुरू हुई।
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कुछ देर बाद ही ओलावृष्टि शुरू हो गई। गांव एवं इसके आसपास बड़े बेर के आकार के ओले करीब पांच मिनट तक गिरे। काफी मात्रा में यहां ओले गिरने से फसलें पूरी तरह से तबाह हो गई। श्री सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में देर से गेंहूं बोने के कारण अभी फसलें हरी थी और आज काफी बड़े ओले गिरने से गेंहूं की फसल भी पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। बड़े आकार के ओले गिरने से आम एवं महुआ के फल भी पूरी तरह से गिर गए। हरी सब्जियां जो लगी हुई थी ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई। श्री सिंह ने कहा कि 5 मिनट तक काफी तेजी से बड़े आकार के ओले गिरने के कारण खेतों सहित हर जगह सफेदी ही सफेदी नजर आने लगी थी। आज ओलावृष्टि के बाद से रबी सीजन में किसानों द्वारा बोई गई फसलें पूरी तरह से तबाह हो गई हैं। गेंहूं की जो फसलें खेतों में गिरी हुई हैं उनकी पैदावार भी खत्म हो चुकी है। किसानों की पूरी मेहनत पर प्राकृतिक आपदा ने पानी फेर दिया है। जिसकी भरपाई होना संभव नहीं है।
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जिले में अभी 19 मार्च को ओलावृष्टि का कहर कई गांवों में बरपा था। जिसको लेकर जिला प्रशासन द्वारा किसानों को हुई क्षति का सर्वे कराया जा रहा था। सर्वे का कार्य पूरा नहीं हुआ और आज तीसरे दिन फिर से बेमौसम बारिश के साथ ही ओलावृष्टि का कहर कई गांवों में दिखा। ओलावृष्टि का असर आज चुरहट अंचल से लेकर सेमरिया अंचल एवं जिला मुख्यालय सीधी के समीपी गांवों में रहा। दोपहर बाद मौसम का मिजाज बदलने से जिले के अधिकांश क्षेत्रों में बूंदाबांदी एवं हल्की बारिश हुई। गनीमत यह रही कि ओलावृष्टि से अभी अधिकांश गांव पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
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मौसम का मिजाज जिस तरह से बदल रहा है उसके चलते किसानों की माथे में चिंता की लकीरें गहरी हो गई हैं। किसानों को इस बात का खौफ है कि खेतों में खड़ी अच्छी फसलें कहीं ओलावृष्टि की भेंट न चढ़ जाएं। जिन गांवों में ओलावृष्टि हुई है वहां के प्रभावित किसानों में काफी मायूसी देखी जा रही है। सीधी विधायक द्वारा आश्वस्त किया गया है कि सीधी विधानसभा क्षेत्र के जिन गांवों में बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से किसान प्रभावित हुए हैं उनकी मदद की जाएगी। इसके लिए वह प्रशासनिक अधिकारियों के संपर्क में बने हुए हैं। जिससे प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द मदद मिल सके।