रीवा। एसजीएमएच में मैट्रन की कुर्सी पर खींचतान मची हुई है। पुरानी मैट्रन डिमोटन होने के बाद भी हट नहीं रहीं और नई को प्रभार मिलने के बाद भी काम करने को नहंी मिल रहा है। कुर्सी की लड़ाई में दो नर्सों में खींचतान मची है और विभागीय अधिकारी मामले में हस्तक्षेप करने से बच रहे हैं।
ज्ञात हो कि मेडिकल कॉलेज की मैट्रेन रहीं उर्मिला मजूमदार को फर्जी जाति प्रमाण पत्र का लाभ लेने के मामले में डिमोट कर दिया गया है। डीन ने संचालक चिकित्सा शिक्षा के आदेश पर मैट्रन से सारे प्रभार वापस लिए जाने के निर्देश दिए थे। इस पर अमल करने के निर्देश डीन ने अधीक्षक को दिए। अधीक्षक ने भी व्यवस्था परिवर्तन करने हुए शासन के निर्देश पर अमल किया। डॉ अवतार सिंह अधीक्षक एसजीएमएच ने आदेश जारी कर कहा था कि अधिष्ठाता श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय रीवा के आदेश क्रमंाक 10586/स्था/ आराज/ एमसी/2022 दिनांक 6 मई 2022 के द्वारा श्रीमती उर्मिला समददार को अनुसूचित जाति के रूप में दिए गए सभी लाभों को निरस्त करते हुए आदेश क्रमांक 10601/ स्था/ आराज/ एमसी/ 2022 दिनांक 6 मई 2022 में मूल पद स्टाफ नर्स पर व वरिष्ठता निर्धारित किए जाने एवं नर्सिंग संवर्ग कार्यों के सुचारू संचालन के दृष्टिगत प्रमुख परिचारिका का प्रभार वरिष्ठ नर्सिंग आफीसर श्रीमती सरिता गहलोत को प्रमुख परिचारिका का प्रभार आगामी व्यवस्था होने तक सौंपा जाता है। मैट्रन बनाए जाने के बाद डॉ उर्मिला समददार की ड्यूटी डॉ अवतार ङ्क्षसह अधीक्षक एसजीएमएच ने डर्मेटोलॉजी विभाग में लगा दी थी। हालांकि इस आदेश पर सिर्फ कागजों में ही अमल हुआ। अभी भी कुर्सी पर जंग जारी है। मैट्रन की कुर्सी का मोह उर्मिला समददार नहीं छोड़ पा रही हैं। यही वजह है कि उन्होंने मैट्रन कक्ष में ही कब्जा जमाया हुआ है। डर्मेटोलॉजी विभाग में जा ही नहीं रही हैं। मैट्रन कक्ष में ही डटे रहने से हर दिन खींचतान की स्थिति मची रही है। दो नर्सें एक ही पद के लिए जूझ रही हैं। उर्मिला समददार पर अन्य कर्मचारियों का आरोप है कि वह दस्तावेजों से भी छेड़छाड़ करती है। मोबाइल से फोटो वगैरह भी लेती रहती हैं। आपत्ति दर्ज करने पर नोंक झोंक की स्थिति निर्मित होती है। प्रबंधन भी इस अव्यवस्था पर कोई आपत्ति नहीं उठा रहा है।
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