रीवा। जिले के सहकारी बैंकों ने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से खरीफ एवं रबी फसल के लिए किसानों को इस साल 50 करोड़ से अधिक का कर्ज दिया जा चुका है। यह कर्ज किसानों को सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से खेती के लिए खाद- बीज खरीदने हेतु दिया गया है। किसानों को कर्ज देने का कार्य अभी चल रहा है। यह कार्य दिसम्बर माह के बाद भी जनवरी अरैर फरवरी माह तक चलता रहेगा। बता दें कि जिले में 148 सेवा सहकारी समितियां है जिनके माध्यम से किसानों को रबी एवं खरीफ दोनों सीजन में कर्ज के माध्यम से खाद -बीज का वितरण किया जाता है। जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज्ञानेंद्र पांडे ने बताया कि जिले भर में सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से 65 हजार किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड बनाए गए हैं जिनके माध्यम से किसानों को जरूरत के हिसाब से खाद एवं बीज के लिए कर्ज प्रदान किया जाता है और फसल आने पर किसान यह कर्ज चुकता करते हैं। जो किसान अपनी उपज समर्थन मूल्य पर बेंचते हैं। उनको कर्ज की राशि की कटौती करके उपज की कीमत का भुगतान किया जाता है। वर्तमान में किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से दिया गया 162 करोड़ का कर्ज बकाया है इसमें से 50 करोड़ से अधिक का कर्ज इसी वित्तीय वर्ष में रबी एवं खरीफ फसल के लिए दिया गया है। रबी फसल के लिए अभी भी किसानों को कर्ज दिया जा रहा है। समितियों के माध्यम से अभी डीएपी खाद एवं बीज के लिए कर्ज का वितरण किया जा रहा है। इसके पश्चात यूरिया खाद के लिए किसान कर्ज लेंगे। कर्ज बांटने का सिलसिला जनवरी और फरवरी माह तक चलेगा। उन्होंने बताया कि जो किसान समर्थन मूल्य पर अपनी उपज नहीं बेचते उन किसानों से कर्ज की वसूली करने में परेशानी होती है। वर्तमान में किसान क्रेडिट कार्ड का 112 करोड़ से अधिक कर्ज किसानों के पास बकाया है। इस राशि को स्कूल करने में परेशानी हो रही है। जिले भर में समितियों के माध्यम से खरीफ फसल के लिए 26 करोड़ 48 लाख रुपए का कर्ज किसानों को वितरित किया गया। इसी तरह रबी फसल के लिए अब तक 24.50 करोड़ रुपए के कर्ज का वितरण किया जा चुका है और अभी कर्ज देने का सिलसिला चल रहा है। रबी फसल की बोनी पूरी होने तक डीएपी खाद और बीज के लिए कर्ज वितरित किया जाएगा। इसके पश्चात किसानों की आवश्यकता के अनुरूप समितियों के माध्यम से उन्हें खाद बीज के लिए कर्ज दिया जाता है।