बबली सिंह सेंगर, रीवा. जिस कमांडो अरुण गौतम पर एनएसए की कार्यवाही की गई है वह देश भक्त के रूप मे भी जाना जाता है.गांव और परिवार के लोग उसे देशभक्त भी बताते हैं. परिस्थितिया क्या थी और किस प्रकार से उस पर यह कार्यवाही हुई लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स मे यह भी कहा जा रहा है कि एक समय था कि चंबल में डाकू पान सिंह तोमर की तूती बोली जाती थी। उसका आतंक चंबल ही नहीं मप्र, यूपी और राजस्थान में था। ये अलग बात है कि डाकू का अंत या तो पुलिस की गोली से होता है या फिर पुलिस के बिछाये हुये जाल से। बागी पान सिंह तोमर का आंतक इस कदर था कि उसका नाम सुन कर पुलिस की रूह कांप जाती थी। डाकू पान सिंह तोमर आर्मी का बेहतरीन निशानेबाज और जांबाज सिपाही था। परंतु गांव के दबंगो और पुलिस के जुल्म के आगे वह हार गया। हालात यह हो गया कि एक फौजी को दबंगो और पुलिस से इस कदर नफरत हो गई कि वह उनसे बदला लेने के लिए बंदूक लेकर जंंगल में कूद गया। फिर इस कदर दहशत फैलाई की तीन राज्यों की सरकारें हिल गई। ऐसा ही कुछ रीवा में देखने को मिल रहा है। राजनैतिक दलों के इशारे पर रीवा पुलिस एक आर्मी के सेवा निवृत कंमाडों पर इस कदर जुल्म ढ़ा रही कि लोगों के जेहन में डाकू पान सिंह तोमर की यादें उमड़ पड़ी। जिसे पुलिस डाकू पान सिंह तोमर बनाने पर तुली हुई है वह सोहागी थाना क्षेत्र के ग्राम सोनौरी जरिहा टोला का रहने वाला अरुण गौतम पिता राधेश्याम गौतम जिन्होने आर्मी के थल सेना में कंमाडो के पद पर रह कर बीस साल देश की सेवा की। इस दौरान उनको कई सम्मान भी मिले। लेकिन सारे सम्मानों पर रीवा के राजनैतिक दलों और देश भक्ति जनसेवा का तमगा लगाने वाली पुलिस ने कालिख पोतते हुये उन पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) की कार्रवाही कर सलाखों के पीछे कर दिया। शनिवार को अरुण गौतम कमांडो का परिवार रीवा आया और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुये पुलिस द्वारा लगाये गये एनएसए की धारा को हटाये जाने की मांग की। इतना ही नहीं कमांडो की पत्नी सुषमा गौतम और बच्चों ने जेल में निरुद्ध अरुण गौतम से मुलाकात किये जाने की अनुमति दिये जाने के लिए गोहार लगाई है।
भ्रष्ट्राचार के खिलाफ आवाज उठाना कमांडो का पड़ा मंहगा!
प्रदेश में ही नहीं देश में भ्रष्ट्राचार का आलम है। सरकार चाहे किसी की भी हो भ्रष्ट्राचार सिरसा की तरह मुंह फाड़े हुये है। नेता से लेकर प्रशासनिक अधिकारी तक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। भ्रष्टाचारों की दुनिया से अंजान अरुण गौतम जब आर्मी से सेवानिवृत होकर घर लौटे तो उनसे यह आलम देखा न गया और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी। तराई अंचल से लेकर नैनी यूपी तक बढ़ती हुई लोकप्रियता राजनैतिक दलों को हजम नहीं हुई। जिसे दबाने के लिए पुलिस का सहारा लिया। अरुण गौतम की पत्नी सुषमा गौतम ने बताया कि राजनैतिक दलों के दबाव में पुलिस ने फर्जी मामले गढऩे शुरु कर दिये और हालात यह हो गये कि आज की तारीख पर सोहागी और चाकघाट थाना में अरुण गौतम के खिलाफ दस छुट-पुट सहित शासकीय कार्य में बाधा डाले जाने के अपराध दर्ज कर लिये गये।
बच्चों के सामने पिता के एनकाउंटर करने की दी धमकी
रीवा पुलिस की निर्दयिता उस समय सामने आई जब अरुण गौतम कमांडो को पकडऩे नैनी यूपी स्थित उनके आवास पर पुलिस टीम पहुंची। अरुण की पत्नी सुषमा ने बताया कि यूपी नैनी में वह अपने बच्चों को लेकर रहती है। 29 अगस्त की शाम रीवा से पुलिस टीम पहुंची और बिना सर्च वारंट के घर का दरवाजा तोड़ते हुये अंदर घुस गई। सुषमा ने बताया कि उसके दो बच्चे हैं एक 15 साल का और दूसरा 12 साल का। 15 साल के बच्चे को पकड़ कर पुलिस बंदूक दिखाते हुये कहती है कि अपने पिता को बुलाओ नहीं तो एनकाउंटर कर दूंगा। नाबालिग बच्चे पुलिस का रूआब और बंदूक देख दहशत में आ गये। पुलिस ने घर में जमकर उत्पात मचाया। सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिये, अलमारियां तोड़ दी यहां तक की सीसीटीवी कैमरे की मशीनरी अपने साथ उठा ले आये ताकि पुलिस की करतूत जनता के सामने न आ सके। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ही खबर लिखी गई है. अरुण गौतम पर लगे आरोप कितने सही व गलत हैं यह तो