रीवा। जिला अस्पताल में शुक्रवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक महिला प्रधान आरक्षक और कम्प्यूटर आपरेटर के बीच अस्पताल के भीतर ही झूमाझटकी शुरु हो गई। दोनो के बीच होते विवाद को पहले तो कर्मचारियों ने रोक बाद में सूचना पुलिस को दी गई। महिला आरक्षक पर पुलिस का धौंस दिखाने व मारपीट करने का आरोप है तो वहीं डाटा इंट्री आपरेटर पर पुलिस कर्मी से अभद्रता करने व मारपीट करने का आरोप है। दोनो ने शिकायत बिछिया थाने में दर्ज करा दी है। पुलिस जांच में जुटी हुई है, फिलहाल मामले में अभी कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है।
क्या है मामला…
जानकारी के मुताबिक पुलिस महकमे में पदस्थ महिला प्रधान आरक्षक प्रतिमा सिंह अपनी बहन के साथ जिला अस्पताल गई हुईं थी, जहां पैथालॉजी विभाग में डाटा इंट्री करने वाले कम्प्यूटर आपरेटर अंकित सिंह से उनकी बहसबाजी हो गई, बहस इतना बढ़ी की चेंबर में ही दोनो के बीच मारपीट शुरु हो गई। इस बात को लेकर अस्पताल में हंगामा मच गया और पुलिस को सूचना दी गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पहले दोनो पक्षों को सुना और बाद में कंम्प्यूटर आपरेटर को थाने ले गई। इस बात से कर्मचारियों में आक्रोश भड़क उठा जिसके बाद उन्होंने थाने का घेराव कर लिया और डाटा आपरेटर को पुलिस को छोडऩा पड़ा। हालांकि दोनो पक्षों ने अपनी शिकायत दर्ज करा दी है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
देरी से हुआ विवाद
जानकारी के मुताबिक देरी इंट्री व पर्ची में हो रही देरी को लेकर हुआ, कंम्प्यूटर आपरेटर अंकित सिंह का कहना है कि उन्होंने पुलिस की धौंश दिखाते हुए जल्दी पर्ची काटने की बात कही लेकिन सर्वर डाऊन था तो पर्ची नहीं बन पा रही थी, इसी बात को लेकर वह गाली-गलौच करने लगी और मारपीट करने लगी जिसके बाद उसने अपना बचाव उनको हाथ से रोकते हुए किया। उसने यह भी कहा कि मारपीट को रोकने के बाद समझ पाया कि प्रधान आरक्षक पुरुष नहीं महिला हैं। यदि उसे पता होता तो वह रोकने का भी उनको प्रयास नहीं करता। वहीं प्रधान आरक्षक ने कहा है कि आपरेटर द्वारा अभद्रता की गई और पर्ची न बनाने की बात कहने लगा जब उन्होंने कारण पूछा तो वह मारपीट पर उतारू हो गया।विवाद के बीच महिला प्रधान आरक्षक के कपड़े भी फटने की बात सामने आ रही है। जिसके बाद उन्होंने सूचना स्टाफ को दी। हालांकि घटना का वीडियो बनाने की बात कर्मचारी भी कह रहे है वहीं सीसीटीवी फुटेज भी देखे जाने की बात सामने आई है। ००००००००००००००००००