रीवा। समाजवादी नेता और सामाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की खबर मिलते है उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है। रीवावासियों के सामने पंद्रह साल पहले ठाकुर रणमत सिंह स्वशासी महाविद्यालय के मैदान में आयोजित किसान सम्मलेन की यादें एक बार फिर ताजा हो गईं। समाजवादी नेता ने रीवा में अंतिम बार वर्ष 2007 में ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे नारायण त्रिपाठी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किसान सभा को सम्बोधित किया था। इस दौरान ओम प्रकाश चोटाला और अमर सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान नेता मौजूद थे। बता दें, उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे होने के कारण समाजवादी पार्टी का विंध्य में विस्तार करने लगातार समाजवादी नेता मुलायम सिंह कई बार विंध्य के दौरे पर रहे। इनमें लोकसभा चुनाव वर्ष 2004 में अच्युतानंद मिश्रा के प्रचार में मऊगंज में सभा को सम्बोधित किया था। इसके बाद वर्ष 2007 में किसान सम्मेलन को सम्बोधित किया था। इस दौरान उन्होंने किसानों को अपने हितों के लिए एक होकर मंच में आकर लडऩे की बात कही थी। वह किसानों की मांगों व उनकी दशा को लेकर हमेशा संघर्ष करते रहे। उन्हें किसान नेता के रुप में जाना जाता रहा है। सोमवार को उनके निधन की खबर आते ही शोक की लहर दौड़ गई। शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष कमलेन्द्र पांडेय, एम डी खान, भाजपा नेता व पार्षद वीरेन्द्र पटेल ने कहा कि उनको समाजवादी पार्टी में रहते हुए नेता जी के साथ काम करने का मौका मिला। इसके अतिरिक्त कई सामाजिक कार्यकताओं ने भी उनके निधन पर शोक जाहिर किया है।
शिक्षक से शुरू हुआ मुलायम सिंह का राजनीतिक सफर
बता दें कि राजनीति में आने से पूर्व मुलायम सिंह यादव बतौर शिक्षक अध्यापन का कार्य करते थे। उन्होंने अपना शैक्षणिक करियर करहल क्षेत्र के जैन इंटर कॉलेज से शुरू किया था। दरअसल 1955 में मुलायम सिंह यादव ने जैन इंटर कॉलेज करहल में कक्षा नौ में प्रवेश लिया था। यहां से 1959 में इंटर करने के बाद 1963 में यहीं सहायक अध्यापक के तौर पर कार्य शुरू कर दिया था। जहां 10 वर्षों तक अपनी सेवाएं दीं। जानकार बताते हैं कि उस दौर में उन्हें 120 रुपए मासिक वेतन मिलता था। उन्होंने हाई स्कूल में हिंदी और इंटर में सामाजिक विज्ञान पढ़ाया। वर्ष 1974 में मुलायम सिंह प्रवक्ता के पद पर नियुक्त हो गए और उन्होंने जैन इंटर कॉलेज में ही राजनीति शास्त्र पढ़ाने लगे। राजनीतिक व्यस्तता की वजह से वर्ष 1984 में मुलायम सिंह यादव ने जैन इंटर कॉलेज से इस्तीफा दे दिया और सक्रिय राजनीति में आ गए। हालांकि उन्होंने जैन इंटर कॉलेज से अपना नाता बनाए रखा। मुख्यमंत्री रहते वह कई बार यहां आते थे और लोगों से मेल मुलाकात करते थे।
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