रीवा। आबकारी विभाग रीवा और मऊगंज जिले की शराब दकानों के आवंटन की प्रक्रिया में जुटा हुआ है। फिलहाल अभी भी 12 शराब दुकानों को ठेकेदार नहीं मिले हैं। जिसके लिए आज प्रक्रिया जारी है, वही टेंडर प्रक्रिया को लेकर न्यू अपडेट आ रही हैं। टेंडर में फायदा तलाश रही सरकार को झटका लग गया है। अब अंतिम दिन 30 फीसदी बिलो तक टेंडर स्वीकार करने की की छूट दे दी गई है। अब ऐसे में ठेकेदारों को वर्तमान चल रही शराब दुकानों की दरों से 18 फीसदी कम दर पर दुकानें एलॉट होंगी। शासन को करोड़ों रुपए की रॉयल्टी का नुकसान उठाना पड़ेगा। ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से शासन को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
रीवा में शराब दुकानों के वार्षिक मूल्य में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 15 फीसदी राशि का इजाफा किया गया था। ठेकेदार लामबंद हुए तो शराब समूहों का नवीनीकरण ही नहीं हुआ। लॉटरी में भी किसी ने हिस्सा नहीं लिया। जिला आबकारी अधिकारियों ने ठेकेदारों से सांठगांठ की उन्हें ईटेंडर में भी शामिल होने से रोका गया। इसके कारण शासन को कदम दर कदम पीछे खींचना पड़ा। अंत समय में अब हालात यह हैं कि किसी भी कीमत पर ठेके समूहों को देने के लिए सरकार तैयार है। यही वजह है कि 31 मार्च को बुलाए गए इंटेंडर के लिए वार्षिक मूल्य में 30 फीसदी तक की छूट दे दी गई है। यह छूट इस वर्ष के वार्षिक मूल्य से भी 18 फीसदी कम ही है। ऐसे में फायदा तलाश रही सरकार को 18 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ेगा। वहीं ठेकेदार मालामाल हो जाएंगे। उन्हें शराब खरीदने में ड्यूटी का फायदा मिलेगा लेकिन मनमानी दाम पर बेच जरूर सकेंगे।
अंतिम दिन 12 शराब समूहों की लगेगी बोली
रीवा और मऊगंज जिले के अभी 12 शराब समूह उठने के लिए शेष रह गए हैं। इन शराब समूहों के लिए ईटेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। 31 मार्च को शाम 4 बजे तक ईटेंडर ठेकेदार भर सकेंगे। इसके बाद इंटेंडर खोले जाएंगे। दोनों जिलों की 12 शराब समूहों के लिए ठेकेदार अभी नहीं मिल पाए हैं। अब 30 फीसदी बिलो तक रेट स्वीकार किए जाने की अनुमति मिल गई है। ऐसे में शेष रह गये शराब समूहों के लिए लूट मचनी तय है। हालांकि इस पूरी टेंडर प्रक्रिया में उन ठेकेदारों को घाटा जरूर उठाना पड़ेगा, जिन्होंने पहले ही अधिक दरों पर शराब समूहों का ठेका ले लिया है।
दो समूह का टेंडर हुआ फाइनल : शनिवार को 14 शराब समूह के लिए इंटेंडर से ऑफर बुलाया गया था। इसमें सिर्फ दो शराब समूहों के लिए ही निविदा ऑनलाइन सबमिट की गई। शाम 4 बजे के बाद जब निविदा खोली गई तो सिरमौर चौराहा और मनगवां के शराब समूहों के लिए ही ठेकेदार सामने आए। सिंगल टेंडर डाला गया था। इसमेंसिरमौर चौराहा शराब समूह का ठेका रमेश मांझी को 18 करोड़ 61 लाख में फाइनल कर दिया गया। इसी तरह मनगवां में आरडी ट्रेडर्स का ठेका 17 करोड़ में फाइनल हो गया है। अब तक 15 शराब समूह उठ गये हैं। शेष दुकानों के लिए अब अंतिम दिन जोर आजमाइश की जाएगी।