रीवा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कई मुख्य पद जिले में रिक्त पड़े हैं, इनकी नियमित पदस्थापना को लेकर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। जब रीवा जिले से प्रदेश को स्वास्थ्य मंत्री व उप मुख्यमंत्री मिले को यह कहा जाने लगा कि अब इस प्रकार के महत्वपूर्ण बिंदुओ पर जल्द निर्णय होगा लेकिन अभी तक इन महत्वपूर्ण बिंदुओ पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। इतना ही नहीं, लगभग 15 वर्षों से यही हालात बने हुए हैं। मानव संसाधन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जिला रीवा की बात की जाए तो जिले में कई पद रिक्त हैं। बता दें कि जिले में डिस्ट्रिक प्रोग्राम मैनेजर (डीपीएम) सहित डिस्ट्रिक एकाउंट मैनेजर (डीएएम), एपीएम का पद रिक्त है। इसके अलावा भी पद अनुसार पदों में भर्ती नहीं की गई है, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्थाएं ठीक से संचालित नहीं हो पा रही हैं।
कई घोटाले आए सामने
बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के इन वरिष्ठ पदों के रिक्त होने से इन पर सीएमएचओ द्वारा प्रभार में काम कराया जा रहा है। इन पदों में बैठने वाला ने जमकर भ्रष्टाचार किया। हाल ही में एपीएम शिवशंकर तिवारी को लेकर शिकायत हुई, जिसमें उन्होंने भर्ती के नाम पर कई लोगों ने रुपयों की वसूली की। इसके अलावा नोकरी से हटा देने की धमकी देते हुए डाटा इंट्री ऑपरेटर से अश्वीनता का आरोप लगाया गया। हैरानी तो यह है कि इन्हें जब पद से हटा दिया गया तो वह कोर्ट से स्टे लेकर चले आए और अब स्वास्थ्य विभाग की इनकी जानकारी हाईकोर्ट के सामने प्रस्तुत नहीं कर पा रहा है। इसके अलावा पूर्व के प्रभारी डीपीएम व एपीएम पर व डीएएम पर भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लग चुके हैं, कइयों में वह दोषी भी मिले हैं।
नियमित पदस्थापना से होगा सुधार
बता दें कि इन पदों पर नियमित पदस्थापना नहीं होने से प्रभार में काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारी मनमानी कार्य करते हैं। इतना ही नहीं, इसके लिए उन्हें भोपाल तक की दौड़ लगानी पड़ती है। सूत्र बताते हैं कि कुछ चढ़ावा भी देना पड़ता है तब जाकर वह कुर्सी में डटे रहते हैं। शायद यही वजह है कि इन पदों पर हमेशा ही भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहते हैं। यदि इन पदों पर नियमित पदस्थापना कर दी जाए तो बड़ा सुधार हो सकता है।