रीवा। कोठी कंपाउंड में पुरातात्विक महत्व की वेंकट भवन की ऐतिहासिक सुरंग को बचाने के लिए इस क्षेत्र को अतिक्रमणमुक्त करना जरूरी हो गया है अन्यथा यह सुरंग कभी भी ढह सकती है। धरती के नीचे जहां-जहां से यह सुरंग गुजरी है उन क्षेत्रों के ऊपर अतिक्रमण का जाल बिछा हुआ है। वेंकट भवन की ऐतिहासिक सुरंग बचाने के लिए सुरक्षा आवश्यक है। कोठी कंपाउंड क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त किये बिना सुरंग सुरक्षा संभव नहीं है। नगर निगम प्रशासन द्वारा लगातार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। शहर में अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम द्वारा चार टीमें गठित की गई है जिनका काम केवल अतिक्रमण हटाना है। इसके बाद भी शहर के हृदय स्थल कोठी कंपाउंड में सर्वाधिक अतिक्रमण किया गया है। कोठी कंपाउंड क्षेत्र के अतिक्रमणकारी नगर निगम के साथ-साथ जिला प्रशासन पर भी भारी पड़ रहे हैं। कोठी कंपाउंड में ही जिला अदालत, कमिश्नर कार्यालय, डीआईजी कार्यालय के साथ-साथ शिल्पी प्लाजा में तमाम विभागों के कार्यालय स्थित है। इसके अलावा भी कन्या डिग्री महाविद्यालय, वेंकट भवन, मनकामेश्वर नाथ शिव मंदिर आदि स्थापित है। लेकिन अगर समूचे शहर का सर्वेक्षण किया जाए तो कोठी कंपाउंड क्षेत्र में अतिक्रमणकारियों की संख्या सबसे अधिक मिलेगी। कोठी कंपाउंड क्षेत्र में जिसे जहां भी जगह मिली है अतिक्रमण करने से कोई नहीं चूका है। शिल्पी प्लाजा के पीछे बनाए गए पार्किंग स्थल पर भी अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर रखा है। राष्ट्रकवि रवींद्र नाथ टैगोर के नाम पर बने पार्क का अतिक्रमण के कारण अस्तित्व संकट में है। पहले यहां पर बच्चों की मनोरंजन के लिए सर्वाधिक सुंदर पार्क था जो अब चौपाटी में तब्दील हो चुका है। इसी पार्क के अंदर नगर निगम का सफाई गोदाम, पीएचई का कार्यालय तथा उद्यानिकी विभाग का कार्यालय संचालित हो रहा है।
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उद्यान विभाग के सामने भी अतिक्रमण
उद्यान विभाग के कार्यालय के सामने दोनों तरफ अधिकारियों ने पटरी पर कब्जा कर रखा है। इस मार्ग पर चाय पान की दुकानों के साथ-साथ मछली एवं डोसा आदि भी मिलते हैं। यहां तक की इस मार्ग पर अतिक्रमण करके एक सज्जन ने पेयजल टंकी रखकर सर्विस सेंटर तक खोल लिया है जहां पर गाडिय़ों की सर्विसिंग की जाती है। वेंकट भवन के सामने ही खाली पड़े स्थान पर वाहन चलित दुकानें भी दिन भर जमी रहती है। जिसके कारण वेंकट भवन की सुरंग देखने आने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
घंटाघर की चौतरफा अतिक्रमण
अतिक्रमण कर बनाए गए साईं मंदिर के बगल में स्थित घंटाघर का अस्तित्व अब समाप्ति की ओर है। घंटाघर के चारों तरफ अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर रखा है। घंटाघर के आसपास लोगों का चलना मुश्किल हो जाता है। जिस दिन साईं मंदिर में भंडारा होता है उस दिन दिन भर यहां पर जाम की स्थिति बनी रहती है। घंटाघर में लगी घड़ी कभी समय भी बताती थी लेकिन लंबे समय यह बंद पड़ी है।
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