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रीवा। संयुक्त आयुक्त सहकारिता कार्यालय के अनुपयोगी वाहन एमपी 02 5575 एम्बेस्डर कार की नीलामी 6 अक्टूबर को की जाएगी। इस संबंध में उपायुक्त सहकारिता अशोक शुक्ला ने बताया कि वाहन के लिए न्यूनतम 15 हजार रुपए आफसेट प्राइज समिति द्वारा निर्धारित किया गया है। नीलामी संयुक्त आयुक्त सहकारिता कार्यालय शिल्पी प्लाजा ए ब्लॉक में दोपहर 12.30 बजे खुली बोली के आधार पर की जाएगी। इस संबंध में अन्य जानकारियाँ कार्यालय से प्राप्त की जा सकती हैं।
स्वसहायता समूह की सदस्यों को बनाया जाएगा ए-हेल्प पशु सखी
रीवा। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के साथ पशुपालन प्रमुख व्यवसाय है। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में पंजीकृत महिला स्वसहायता समूह बड़ी संख्या में पशुपालन की गतिविधि संचालित कर रहे हैं। पशुपालन का अनुभव रखने वाली स्वसहायता समूह की महिलाओं को ए-हेल्प पशु सखी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। इस संबंध में उप संचालक पशुपालन डॉ राजेश मिश्रा ने बताया कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा मछली पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा पूरे देश में ए-हेल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू किया गया है। यह कार्यक्रम अभी प्रायोगिक तौर पर लागू किया गया है। ए-हेल्प का अर्थ है एक्रिडेटेड एजेंट फॉर हेल्थ एण्ड एक्सटेंशन ऑफ लाइवस्टॉक। ऐसे व्यक्ति जो पशुधन के स्वास्थ्य रक्षा में सहयोग करेंगे। उन्हें ए-हेल्प के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। पशु सखी के रूप में स्वसहायता समूह की महिला का चिन्हांकन होने के बाद वह पशुपालन विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन में विभागीय अधिकारियों को सहयोग करेगी। उसके द्वारा पशुओं के कान की टैगिंग कराने, पशुपालन के लिए स्वरोजगार के ऋण प्रकरण तैयार करने तथा पशुओं की स्वास्थ्य रक्षा के संबंध में सहयोग दिया जाएगा। इन कार्यों में उसे निर्धारित प्रोत्साहन राशि प्राप्त होगी।
रीवा। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के साथ पशुपालन प्रमुख व्यवसाय है। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में पंजीकृत महिला स्वसहायता समूह बड़ी संख्या में पशुपालन की गतिविधि संचालित कर रहे हैं। पशुपालन का अनुभव रखने वाली स्वसहायता समूह की महिलाओं को ए-हेल्प पशु सखी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। इस संबंध में उप संचालक पशुपालन डॉ राजेश मिश्रा ने बताया कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा मछली पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा पूरे देश में ए-हेल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू किया गया है। यह कार्यक्रम अभी प्रायोगिक तौर पर लागू किया गया है। ए-हेल्प का अर्थ है एक्रिडेटेड एजेंट फॉर हेल्थ एण्ड एक्सटेंशन ऑफ लाइवस्टॉक। ऐसे व्यक्ति जो पशुधन के स्वास्थ्य रक्षा में सहयोग करेंगे। उन्हें ए-हेल्प के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। पशु सखी के रूप में स्वसहायता समूह की महिला का चिन्हांकन होने के बाद वह पशुपालन विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन में विभागीय अधिकारियों को सहयोग करेगी। उसके द्वारा पशुओं के कान की टैगिंग कराने, पशुपालन के लिए स्वरोजगार के ऋण प्रकरण तैयार करने तथा पशुओं की स्वास्थ्य रक्षा के संबंध में सहयोग दिया जाएगा। इन कार्यों में उसे निर्धारित प्रोत्साहन राशि प्राप्त होगी।
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अनुसूचित जाति के युवाओं को स्वरोजगार का अवसर
रीवा। जिला अन्त्यावसायी सहकारी विकास समिति द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के लिए संत रविदास स्वरोजगार योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत एक लाख 50 हजार रुपए से 25 लाख रुपए तक के उद्यम स्थापित किए जा सकते हैं। इस संबंध में कार्यपालन अधिकारी एमपी पाठक ने बताया कि योजना के तहत लघु उद्यमों की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रुपए तक का ऋण एवं अनुदान दिया जाता है। सेवा इकाई एवं फुटकर व्यवसाय जैसे ब्यूटी पार्लर, वाहन मरम्मत, किराना व्यवसाय आदि के लिए एक लाख रुपए से 25 लाख रुपए तक का ऋण एवं अनुदान दिया जाता है। योजना के लिए अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राही की आयु 18 से 40 वर्ष के मध्य हो तथा शैक्षणिक योग्यता कम से कम 12वीं पास हो। उसके परिवार की वार्षिक आय सालाना 12 लाख रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए। योजना के आवेदन पत्र के साथ जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड एवं समग्र आईडी प्रस्तुत करना आवश्यक होता है। योजना का लाभ बैंक के माध्यम से दिया जाएगा। प्रकरण मंजूर होने के बाद हितग्राही को 5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान नियमित ऋण अदा करने पर अधिकतम 7 वर्षों तक देय होगा। योजना के समस्त ऋणों की गारंटी फीस शासन द्वारा दी जाएगी। पात्र आवेदक समस्त डॉट एमपी ऑनलाइन डॉट जीओभी डॉट इन पोर्टल में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं
रीवा। जिला अन्त्यावसायी सहकारी विकास समिति द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के लिए संत रविदास स्वरोजगार योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत एक लाख 50 हजार रुपए से 25 लाख रुपए तक के उद्यम स्थापित किए जा सकते हैं। इस संबंध में कार्यपालन अधिकारी एमपी पाठक ने बताया कि योजना के तहत लघु उद्यमों की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रुपए तक का ऋण एवं अनुदान दिया जाता है। सेवा इकाई एवं फुटकर व्यवसाय जैसे ब्यूटी पार्लर, वाहन मरम्मत, किराना व्यवसाय आदि के लिए एक लाख रुपए से 25 लाख रुपए तक का ऋण एवं अनुदान दिया जाता है। योजना के लिए अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राही की आयु 18 से 40 वर्ष के मध्य हो तथा शैक्षणिक योग्यता कम से कम 12वीं पास हो। उसके परिवार की वार्षिक आय सालाना 12 लाख रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए। योजना के आवेदन पत्र के साथ जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड एवं समग्र आईडी प्रस्तुत करना आवश्यक होता है। योजना का लाभ बैंक के माध्यम से दिया जाएगा। प्रकरण मंजूर होने के बाद हितग्राही को 5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान नियमित ऋण अदा करने पर अधिकतम 7 वर्षों तक देय होगा। योजना के समस्त ऋणों की गारंटी फीस शासन द्वारा दी जाएगी। पात्र आवेदक समस्त डॉट एमपी ऑनलाइन डॉट जीओभी डॉट इन पोर्टल में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं