वीरेंद्र सिंह सेंगर(बबली): लोकसभा का चुनावी विगुल बज चुका है, मतदाताओं को रूझाने के लिए प्रत्याशी दांव-पेंच खेलने शुरु कर दिये है। एक ओर जहां भाजपा से लोकसभा प्रत्याशी जनार्दन मिश्रा अपने दस साल के कार्यकाल का लेखाजोखा जनता के बीच रख देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनाये जाने के लिए जनसमर्थन मांग रहे वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी नीलम मिश्रा के पति सेमरिया के कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा जगह-जगह यह प्रचार करते हुए दिख रहे हैं कि सांसद जनार्दन मिश्रा ने अपने दस साल के कार्यकाल में रीवा से लेकर दिल्ली तक करोड़ो रूपये की संपत्ति भ्रष्टाचार कर अर्जित कर ली है। मजे की बात तो यह है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा लोकसभा प्रत्याशी किये जाने के पहले ही सेमरिया विधायक ने आम आदमी पार्टी से निष्कासित एंव चेक बाउंस मा. न्यायालय द्वारा दंडित युवक से पत्रकारवार्ता करवा सांसद जनार्दन मिश्रा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगवाये थे, लेकिन जो भ्रष्टाचार के आरोप लगाये उनके कोई पुख्ता प्रमाण पत्रकारवार्ता के दौरान पेश नहीं किये थे। इस संदर्भ में जब सेमरिया विधानसभा के भाजपा मंडल अध्यक्षों से चर्चा की गई तो उन्होने सांसद जनार्दन मिश्रा पर लगाये गये आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि सेमरिया के विधायक अपने अपने अंदर झांककर देखे, एक कहावत है कि नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज का चली वो कहावत सेमरिया विधायक पर चरितार्थ होती है।
अरूणेंद्र तिवारी, मंडल अध्यक्ष सेमरिया ने कहा कि कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा झूठ और फरेब के नाम पर जाने जाते है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विधानसभा चुनाव में सुंदरिया के साथ जो मारपीट की घटना का प्रपोगंडा रचा था, उस पर जांच हुई तो घटना स्थल पर पुलिस को सुंदरिया के मोबाइल का टॉवर लोकेशन नहीं मिला। इसी प्रकार भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी सांसद जनार्दन मिश्रा पर झूठ फरेब की कहानी रचकर भ्रष्टाचार से अर्जित संपति का आरोप लगा रहे है लेकिन एक भी संपत्ति का रिकार्ड जनता के बीच नहीं दिखा रहे हैं। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि विधानसभा चुनाव में गरीबों को लालच देकर केवल 637 बोट से जीत हासिल कर ली है और भाजपा प्रत्याशी केपी त्रिपाठी ने बिना झल फरेब के 55272 बोट पाये। सेमरिया की जनता आज भी अपना विधायक केपी त्रिपाठी को ही मानती है।
उत्कर्ष पटेल, मंडल अध्यक्ष शाहपुर ने तंज कसते हुए कहा कि नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली, ये कहावत सेमरिया विधायक पर सटीक बैठती है। सेमरिया विधानसभा से पांच-पांच साल पति-पत्नी विधायक रहे। वार्ड क्रमांक 5 से जिला पंचायत सदस्य चुनकर जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गये। अपने ही वार्ड में कई विकास कार्यों की घोषणा की लेकिन एक भी विकास के कार्य नहीं हुए। हुआ भी तो उनके वाहन चालक संजीव पटेल के घर मटीमा में हैंड पंप का काम हुआ। अपने इस राजनैतिक कार्यकाल में शासकीय नाले में फार्म हाउस बनवाना, छिंदवाड़ा में फैक्ट्री लगवाना, शराब कारोबार में अपने ही आदमियों के साथ छल करना जैसी कई बातें है जिनका जवाब दे। रही बात जहां सांसद जनार्दन मिश्रा की अकूत संपत्ति की तो हिनौता में उनकी पुस्तैनी जमीन के अलावा कुछ नहीं है यहां तक की रीवा में आज तक उनका कोई घर भी नहीं बना हुआ है।
शेषमणि पांडेय, मंडल अध्यक्ष बनकुईया ने बताया कि कांग्रेस पार्टी अब पार्टी नहीं रह गई अब वह कंपनी बन गई है जो फार्म हाउस में सिमट कर रह गई। विधायक से लेकर सांसद तक का टिकट फार्म हाउस को चाहिये। कांग्रेस पार्टी में बीस-बीस साल से कार्यकर्ता तन-मन से लगे हुए है। लेकिन जब टिकट की बात आती है तो पार्टी कार्यकर्ताओं का तन-मन नहीं देखती धन देखती है। फार्म हाउस में हर चीज घन के दम पर होता है। लेकिन सेमरिया की जनता कांग्रेस के चेहरे से भली भांति परिचित है और यहां की जनता के दिलों में बस मोदी ही मोदी बसे हुए है। उनकी रीति और नीति से जनता उनकी वशीभूत है। यहां की जनता मोदी के नाम पर मतदान करेगी।