रीवा। बदलते समय के साथ रीवा शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण अंचल में भी शैक्षणिक संस्थानो का ग्राफ बढ़ा है, बड़े-बड़े कोचिंग संस्थान रीवा में है जो छात्रों को अच् छी शिक्षा देकर उनका भविष्य तय करते हैं। इन्हीं में से एक शैक्षणिक संस्था कोचिंग वाला अब रीवा शहर में आ चुकी है। जो छात्रों को अच्छी शिक्षा देकर उनका अच्छा भविष्य तय करने का काम करेगी और वह भी कम से कम शुल्क में, इसका शुभारंभ जल्द ही रीवा शहर में हो रहा है।
यहा संचालित होगा संस्थान
संस्था के संचालक प्रो.अनुभव पांडेय ने बताया कि कोचिंग वाला कोचिंग सेंटर को जल्द ही शुरु हो रहा है। यह रीवा-सीधी हाइवे ललपा पीएम आवास के व्यवसायिक भवन में संचालित किया जाएगा। जिसमें छात्रों को वातानुुकुलित वातावरण के साथ कुशल शिक्षको द्वारा पढ़ाया जाएगा। यहां छात्र कक्षा एक से 12वीं तक के सभी विषयों की कोचिंग कम खर्च में ले सकते हैं। प्रो.अनुभव पांडेय ने बताया कि इस कोचिंग संस्थान को शुरु करने का उद्देश्य उन छात्रों तक कम खर्च में कोचिंग की सुविधा को उपलब्ध कराना है जो आर्थिक तंगी की वजह से कोचिंग नहीं पढ़ पाते हैं। संस्थान द्वारा आर्थिक रूप से तंग परिजनों के लिए विशेष शुल्क का प्रवधान रखा गया है।
5 हजार में सभी विषय की शिक्षा
बता दें कि कोचिंग वाला कोचिंग सेंटर में कक्षा वार शुल्क निर्धारित किया गया है। कक्षा 10 तक के छात्र मात्र 5 हजार रुपए में वर्ष भर सभी विषय का अध्ययन स्कूल की तर्ज पर कर सकेंगे। इसी प्रकार 11 व 12वीं के लिए संस्थान में 10 हजार रुपए सभी विषय के लिए शुल्क वर्ष भर के लिए निर्धारित किए गए हैं। रजिस्ट्रेशन शुरु कर दिया गया है। अति गरीब छात्रों के लिए शुल्क माफी जैसे प्रवधान भी हैं। बताया गया कि इस शुल्क को निर्धारित इसलिए किया गया है ताकि छात्रों को पढ़ाने में आने वाले अन्य खर्च निकाले जा सके, भविष्य में जैसे-जैसे व्यवस्थाएं बढ़ेंगी शुल्क कम कर दिया जाएगा।
पिता से मिली प्रेरणा, बनाई टीम
प्रो.अनुभव पांडेय बताते हैं कि उनके पिता राजकुमार पांडेय स्कूल संचालक हैं और उनके द्वारा मध्यम वर्गीय छात्र जो आर्थिक तंगी के चलते पढ़ाई छोड़ देते हैं उनके लिए विद्यालय संचालित कर ऐसे बच्चों को शिक्षित करने का काम किया जाता रहा है। उनकी मां स्नेहलता पांडेय शासकीय शिक्षिका है। माता-पिता से ही प्रेरणा लेकर उनके द्वारा आर्थिक रूप से तंग होकर पढ़ाई छोडऩे वाले बच्चों के लिए इस संस्था को शुरु किया जा रहा है। उनके द्वारा यही संाच रखने वाले अपने सहयोगियों की एक टीम तैयार की गई है, जो छात्रों को पढ़ाने का काम करेंगे।
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